कभी गलती से भी मुंह में मत डाल लेना ये 5 चीज, Cancer बढ़ने का खतरा हो जाएगा डबल


कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो जानलेवा है, कैंसर का नाम सुनते ही मन में खौफ सा बैठ जाता है! हमारा लाइफस्टाइल या जीवनशैली और खाने पीने की आदते अक्सर हमारी सेहत पर असर डालती हैं। कई शोध में यह साबित हुआ है कि हमारी डाइट संबंधी आदतें कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं या कम कर सकती है।

एक्शन कैंसर हॉस्पिटल नई दिल्ली व कैंसर केयर क्लिनिक फरीदाबाद के सीनियर मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. मनीष शर्मा ने 5 ऐसे फूड्स के बारे में बताया है जिन पर कैंसर के खतरे के संबंध में शोध किया गया है

1- प्रोसेस्ड मीट्स
बेकन, सॉसेज और हॉट डॉग जैसे प्रोसेस्ड मीट्स में अक्सर नाइट्रेट और नाइट्राइट शामिल होते हैं, जो गर्म करने पर नाइट्रोसामाइन बनाते हैं, जोकि कोलोरेक्टल और पेट के कैंसर के जोखिम को कई गुना बढ़ा देते हैं। आहार में किसी भी तरह प्रोसेस्ड मीट्स को शामिल करना भारी पड़ सकता है, इसलिए डॉ. मनीष शर्मा छोटी शुरुआत करने की सलाह देते हैं। इसका मतलब यह है कि ऐसे मीट की तलाश की जाए जिसमें वसा और सोडियम की मात्रा कम हो, या जो नाइट्राइट और नाइट्रेट से रहित हों।

डॉक्टर शर्मा ने बतया कि, ‘मैं उत्पादों की तुलना करने के लिए आपको सलाह दूंगा की आप फूड्स खरीदते समय लेबल पढ़े और यह देखे कि क्या उस भोजन का और कोई हैल्थी ऑप्शन उपलब्ध हैं।’

​अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स

​अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स

अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स का लगातार सेवन करने से कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अल्ट्रा प्रोसेस्ड से गुजरने वाले खाद्य पदार्थों में कई हानिकारक रसायन और अत्यधिक मात्रा में चीनी और वसा शामिल होते हैं जो वजन बढ़ाने और मोटापे की समस्या को पैदा करते हैं। ये तत्व महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी के अलावा, सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ा सकते हैं, जो कैंसर के विकास से जुड़े हैं।

​शराब का सेवन

​शराब का सेवन

अत्यधिक शराब का सेवन कई घातक बीमारियों से जुड़ा हुआ है। इसमें कोलोरेक्टल, स्तन, एसोफेगल, अग्नाशय और यकृत कैंसर शामिल हैं। इससे आंतरिक अंगों में सूजन और लीवर को नुकसान पहुंचाने के अलावा, लंबे समय तक शराब के सेवन से लीवर कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, शराब हार्मोन के स्तर को बदल सकती है, जिससे स्तन कैंसर और अन्य हार्मोन संबंधी घातक बीमारियां हो सकती हैं।

ज्यादा मीठे का शौक

ज्यादा मीठे का शौक

मीठे पेय पदार्थों के नियमित सेवन से स्तन और पेट के कैंसर होने का खतरा हो सकता है। दरअसल ज्यादा चीनी का सेवन मोटापे और इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान करता है।

ये दोनों कुछ प्रकार के कैंसर होने के खतरे को दोगुना कर देते हैं। अतिरिक्त, चीनी चयापचय कैंसर कोशिका वृद्धि को बढ़ावा देने में भूमिका निभा सकती है।

डॉ. शर्मा का कहना है कि इससे जड़े शोधों के परिणाम पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। अध्ययनों में कृत्रिम मिठास का कम मात्रा में उपयोग करने का सुझाव दिया जाता हैं। जिससे कई तरह की बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।

​रेड मीट

​रेड मीट

रेड मीट का उपयोग प्रोस्टेट और कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है, खासकर प्रोसेस्ड या बर्नड मीट्स के संबंध में। इसकी उच्च वसा और प्रोटीन संरचना पकाए जाने पर कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों के विकास पर प्रभाव डाल सकती है। यह संबंध लाल मांस पर उपयोग किए जाने वाले प्रसंस्करण या खाना पकाने के तरीकों से भी हो सकता है, जिसमें ग्रिलिंग या धूम्रपान भी शामिल है।

डॉ. मनीष शर्मा के अनुसार, तेज तापमान पर पकाने पर उनमें कैंसर से जुड़े कार्सिनोजन विकसित हो सकते हैं। वह वसा को हटाने, खाना पकाने से पहले मांस को मैरीनेट करने या कम मार्बलिंग के साथ लाल मांस के विकल्प का चयन करने की सलाह देते हैं। चिकन और मछली जैसे लीन प्रोटीन खाद्य पदार्थ, साथ ही प्लांट प्रोटीन, प्रोटीन के अतिरिक्त स्रोत हैं।


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