पुल शॉट: रोहित हर 5वें पुल शॉट पर लगाते हैं सिक्स, उनके पुल में खास क्या और क्या है इस शॉट का साइंस


  • Hindi News
  • Bhaskar khaas
  • Rohit Sharma Pull Shot Technique Explained | Cricket Science | IND Vs PAK | World Cup Special Series

42 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

भारत के कप्तान रोहित शर्मा 17 हजार से ज्यादा इंटरनेशनल रन बना चुके हैं। इस दौरान पुल शॉट उनका सबसे पसंदीदा शॉट रहा। रोहित अपना हर 5वां छक्का पुल शॉट खेलकर लगाते हैं।

साइंस ऑफ क्रिकेट में आज के एपिसोड में बात पुल शॉट की। आखिर क्या है इस पुल शॉट का साइंस जो रोहित की बल्लेबाजी को खास बनाता है।

क्या है पुल शॉट का साइंस?

पुल शॉट बैटिंग की एक स्किल है। इसमें साइंस भी लागू होता है। भास्कर एक्सपर्ट डॉ. दीपक डोगरा बताते हैं कि पुल शॉट में न्यूटन का एंगुलर मोमेंटम और डबल पेंडुलम लॉ लागू होता है।

शॉट में साइंस लागू कैसे होता है?

पुल शॉट खेलते वक्त बैटर की बॉडी में 3 जगह एंगुलर मोमेंटम होता है। पहला पैरों में, जब वह बैक फुट पर जाकर शॉट खेलने की पोजिशन में आता है। दूसरा कमर पर और तीसरा कंधे पर। बॉडी के ये तीनों हिस्से एक दिशा में घूमते हैं।

एंगुलर मोमेंटम से एनर्जी मिलती है और 3 एंगुलर मोमेंटम से वो और ज्यादा बढ़ जाती है। इस मोमेंटम से बैटर को 3 फायदे होते हैं। लेग साइड पर शॉट खेलने के लिए बल्ला घुमाने की जगह मिलती है। बैटर गेंद की लाइन में आता है। और बैट-बॉल का कनेक्शन तय हो जाता है।

एंगुलर मोमेंटम के साथ बैटर को अपनी मसल्स से भी एनर्जी मिलती है, जो लोअर बॉडी से अपर बॉडी में होते हुए कलाई और फिर बैट तक पहुंचती है। इसे काइनेटिक एनर्जी लिकिंग ऑफ ह्यूमन बॉडी कहते हैं।

शॉट खेलते वक्त कंधे से कलाई और बल्ले का निचला हिस्सा डबल पेंडुलम बनाते हैं। पहले पेंडुलम से एनर्जी जेनेरेट होती है और दूसरे पेंडुलम से ये बढ़ जाती है. जो बल्ले से टकराते वक्त गेंद में ट्रांसफर होती है।

हिट मैन की खासियत पुल शॉट, ऐसा क्यों?

पुल शॉट खेलते वक्त रोहित के पैर, कमर और सिर एक सीधी लाइन में रहते हैं। बॉडी बैलेंस रहती। रोहित की सैकेडिक आई मोमेंट एबिलिटी हाई है। सैकेडिक आई मोमेंट यानी तेजी से आ रहे ऑब्जेक्ट को देखने की क्षमता। रोहित बॉल को नजदीक तक देखते हैं। उन्हें पता रहता है बॉल कहां पिच करेगी। ऐसे बल्लेबाजों के पुल शॉट का सक्सेस रेट 90% होता है।

ग्राफिक्स: हर्षराज साहनी, राहुल शर्मा

साइंस ऑफ क्रिकेट में कल बात फील्डिंग की

20 फीट की दूरी से बुलेट थ्रो, सीधा स्टंप्स पर और बल्लेबाज मैदान से बाहर। फील्डिंग की सबसे जरूरी स्किल है बॉल को थ्रो करना। साइंस ऑफ क्रिकेट के अगले एपिसोड में बात इसी स्किल के साइंस पर।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *