बिलासपुर43 मिनट पहले
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गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्राएं फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गई हैं। मंगलवार की रात से लेकर बुधवार को पूरे दिन छात्राओं का इलाज चलता रहा। कई छात्राओं को रात में सिम्स भेजा गया। वहीं हॉस्टल में ही यूनिवर्सिटी को कैंप लगाना पड़ा। वर्तमान डॉक्टर से मामला नहीं काबू हुआ तो पुराने डॉक्टर डॉ. एएन मंडल को बुलाया। उन्होंने मोर्चा संभाला।
गौरतलब है कि 15 दिनों से अधिक समय से सीयू के बिलासा देवी और मिनीमाता गर्ल्स हॉस्टल में वाटर प्यूरीफायर खराब था। गंदे पानी से खाना बनाया जाता रहा। इन सभी समस्याओं को लेकर छात्राओं ने बीटेक की शिक्षिका हॉस्टल वार्डन को बार-बार शिकायत की, पर उन्होंने छात्राओं की बात नहीं सुनी। गंदे पानी से ऐसा खाना बना कि उसमें बदबू आने लगा।
तब इससे परेशान छात्राओं ने कुलपति आवास का घेराव किया। इसके बाद उन्हें दूसरे हॉस्टल की खिचड़ी खिलाई गई और कुलपति ने दो दिन में व्यवस्था में सुधार करने का आश्वासन दिया था। इसके दूसरे ही दिन छात्राएं फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गई हैं। अब इनका इलाज यूनिवर्सिटी करा रही है। छात्राओं का कहना है कि सभी बीमार हैं, पर खाना में अभी भी सुधार नहीं हुआ है।
आरोप- रात में वार्डन नहीं जाने दे रही थीं अस्पताल
गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं ने बताया कि जब रात में छात्राओं की तबीयत बिगड़ी वे गार्ड के पास पहंुचीं। यहां फर्स्ट एड बॉक्स में ओआरएस था। दवाइयां नहीं मिलीं। इसके बाद जब छात्राओं ने एंबुलेंस बुलाया तो उसमें 15 छात्राएं बैठ गईं, जिनकी ज्यादा तबीयत खराब थी। वार्डन ने एंबुलेंस जाने से रोक दिया, इससे और देर हुई। इसके बाद रात में 4 से 5 बार एंबुलेंस छात्राओं को लेकर सिम्स पहंुची। यहां इलाज के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया।
13.40 लाख ले रहे, खाना मेन्यू के हिसाब से नहीं
छात्राओं ने बताया कि मेस के नाम पर उन्हें प्रति महीना 3 हजार 350 रुपए लिया जाता है। जिन हॉस्टल की छात्राएं पीड़ित है, उनमें 400 छात्राएं रहती हैं। इन छात्राओं से प्रति महीने मेस चार्ज 13 लाख 40 हजार रुपए लिया जा रहा है। छात्राओं ने बताया कि जो पहले मेन्यू तय हुआ था, उसके अनुसार खाना नहीं मिलता, जब इसको लेकर आपत्ति की जाती है तो कहा जाता है कि मेन्यू बदल गया है, लेकिन इसे चार्ट पर आज तक नहीं लगाया है।
कुलपति ने निरीक्षण कर कैंप लगाने के दिए निर्देश
सीयू के मीडिया सेल प्रभारी डॉ. एमएन त्रिपाठी ने कहा कि हॉस्टल के बच्चों के अभिभावक कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल हैं। उन्होंने बुधवार की सुबह पत्नी डॉ. नीलांबरी दवे के साथ हॉस्टल का निरीक्षण किया और कैंप लगाकर छात्र-छात्राओं की जांच करने कहा। जांच डॉ. सर्वेश गौरहा व पूर्व चिकित्सक डॉ. एएन मंडल ने की। फूड प्वाइजनिंग नहीं है। दो छात्राएं एडमिट थीं, वे िडस्चार्ज हो गई हैं।