लता और क्रिकेटः विश्व कप में बहुत याद आएगा सबसे सुरीला फैन, कुछ किस्से जो क्रिकेट जगत नहीं भूल पाएगा


Lata Mangeshkar Birthday special her connection to Cricket

लता मंगेशकर और क्रिकेट का खूबसूरत रिश्ता

मुख्य बातें

  • आज लता मंगेशकर का जन्मदिन
  • क्रिकेट से था लता मंगेशकर का गहरा लगाव
  • सचिन तेंदुलकर की कोई पारी देखना नहीं छोड़ती थीं लता
Lata Mangeshkar and Cricket Memories: आईसीसी क्रिकेट विश्व कप का आगाज 5 अक्टूबर से भारत में होने जा रहा है। पूरी दुनिया क्रिकेट के इस सबसे बड़े आयोजन को देखने के लिए बेताब है। अब जब ये भारत में हो रहा हो तो करोड़ों भारतीय फैंस की दीवानगी देखते बनेगी। लेकिन एक चेहरा ऐसा होगा जिसकी कमी पूरी देश को खलने वाली है। एक ऐसा क्रिकेट फैन जिसने क्रिकेट के साथ ऐसा रिश्ता जोड़ा जो अंत तक कायम रहा। हम बात कर रहे हैं भारत रत्न सुर कोकिला लता मंगेशकर की, जिनका आज जन्मदिन है। वो बेशक आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनका क्रिकेट से कनेक्शन आज भी भूलाया नहीं जाता।
लता मंगेशकर क्रिकेट की बहुत बड़ी फैन थीं और ये सफर दशकों का रहा। जब देश आजाद होने के बाद भारतीय क्रिकेट ने अपने पंखों से पहली बार उड़ान भरी से लेकर जब देश को सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के रूप में एक ऐसा क्रिकेटर मिला जिसने दुनिया को सलाम करने पर मजबूर कर दिया। लता दीदी की आवाज जैसे दशकों से भारतीय लोगों के दिल में बसी रही है, उसी तरह सुर कोकिला में दिल में क्रिकेट हमेशा वास करता रहा। आइए जानते हैं इस खास कनेक्शन से जुड़ी कुछ यादगार बातें व किस्से।

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स्टेडियम में वो खास दर्शक, मुंबई से लेकर इंग्लैंड तक

लता मंगेशकर को क्रिकेट से इतना लगाव था कि वो इस खेल को देखने के लिए अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर कहीं भी जाने को तैयार हो जाती थीं। उन्होंने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम से लेकर देश के तमाम अन्य मैदानों पर पहुंचकर टीम इंडिया का हौसला बढ़ाया, लेकिन सिर्फ यही नहीं, वो इसके लिए लंदन (इंग्लैंड) के प्रतिष्ठित मैदान लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड भी पहुंचीं और भारतीय खिलाड़ियों का समर्थन किया। बताया जाता है कि उन्होंने लॉर्ड्स मैदान के पास एक घर तक ले लिया था जिसे बाद में उन्होंने बेच दिया।

जब अमीर नहीं था भारतीय क्रिकेट, लता ने खिलाड़ियों के लिए जुटा दिए 20 लाख रुपये

बात 1983 वनडे विश्व कप की है। भारतीय क्रिकेट टीम ने दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज का चक्रव्यूह तोड़ते हुए कपिल देव की अगुवाई में वो कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। भारत ने इंग्लैंड में विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया और पहली बार देश क्रिकेट चैंपियन के रूप से जाना गया। उन दिनों क्रिकेट प्रशासन इतना अमीर नहीं था, लेकिन खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए कुछ तो करना था। तब मशहूर क्रिकेट प्रशासक राज सिंह डूंगरपुर ने एक तरीका निकाला। वो लता दीदी के अच्छे मित्र थे। उन्होंने सुर कोकिला से खिलाड़ियों के लिए एक कॉन्सर्ट में गाने की गुजारिश की और लता तुरंत मान गईं। उस कॉन्सर्ट में लता की मौजूदगी के कारण 20 लाख रुपये जमा हो गए और इन्हें विश्व कप विजेता टीम में बांटा गया। बताया जाता है कि लता ने उस इवेंट के लिए एक पैसा नहीं लिया। इसके बाद क्रिकेट बोर्ड ने भारत के हर मैदान पर लता जी के परिवार के लिए दो वीआईपी टिकट हमेशा के लिए रिजर्व कर दिए थे।

जब टीम हारती थी, तब..

भारतीय क्रिकेट टीम जब हार जाया करती थी तब लता मंगेशकर कई बार बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला को फोन किया करती थीं। राजीव शुक्ला ने एक बार एक इंटरव्यू में बताया था कि टीम के हारने पर लता जी उनको फोन करके पूछतीं- राजीव जी, हम ये मैच हार कैसे गए? इसको हम आराम से जीत सकते थे, इतने रन तो बन सकते थे।” ये बताता था कि वो क्रिकेट सिर्फ देखना पसंद नहीं करती थीं बल्कि खेल की बारीकियों से भी अच्छे से वाकिफ रहती थीं।

लता और सचिन, दो भारत रत्न

दो भारत रत्न, लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर। दोनों का एक दूसरे के प्रति सम्मान देखने योग्य था। लता दीदी सचिन तेंदुलकर की बहुत बड़ी फैन थीं, जब उन्होंने मैदान पर जाना बंद कर दिया था, तब वो घर पर टीवी पर बैठकर सचिन की किसी भी पारी को देखना नहीं भूलती थीं। सचिन उनको ‘आई’ बुलाया करते थे जिसका मतलब मां होता है। जब सचिन को भारत रत्न नहीं मिला था, उससे पहले से लता कहती थीं कि- ‘तुम मेरे लिए हमेशा से भारत रत्न हो, जो तुमने देश के लिए किया है इतने सालों तक, वो बहुत कम लोग कर सकते हैं।’ सचिन जब भी मौका मिलता था, लता जी के घर पर जाकर उनसे मिलते जरूर थे।

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। वो बॉलीवुड की सबसे प्रसिद्ध गायिका रहीं जिन्होंने सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया जिसे बाद में उनकी बहन आशा भोंसले ने तोड़ा था। लता जी का 6 फरवरी 2022 को 92 वर्ष की उम्र में मुबई में निधन हो गया था।


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