रोज 30 मिनट का व्यायाम व समय-समय पर जांच का सुझाव
अव्यवस्थित दिनचर्या, तनाव, गलत खानपान व धूम्रपान से बढ़ रहे मरीज
संवाद न्यूज एजेंसी
बस्ती। ह्रदय रोगों के लिए जिम्मेदार हमारी अव्यवस्थित दिनचर्या, तनाव, गलत खानपान और धूम्रपान है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं भी हृदय रोगों को जन्म देती हैं। इससे बचने के लिए चिकित्सक मोटापा और धूम्रपान से दूर रहने की सलाह देते हैं। रोज 30 मिनट व्यायाम व समय-समय पर जांच कराने को जरूरी बताते हैं।
चिकित्सक बताते हैं कि असुरक्षित खानपान से शरीर कमजोर हो रहा है और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित हो रही है। इससे अचानक हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज होने से दिल का दौरा पड़ता है। समय पर इलाज न मिला तो जान जा सकती है। स्वस्थ जीवनशैली के लिए शारीरिक गतिविधि बढ़ाने की जरूरत है। खानपान की शुद्धता पर ध्यान देने से काफी हद तक दिल के रोगों से बचाव संभव है।
बढ़ते तनाव पर अंकुश न लगा तो अगले पांच साल में जिले के दो फीसदी लोग हृदय रोग की चपेट में आ सकते हैं। चिकित्सकों के मुताबिक 40 वर्ष की आयु के बाद शख्स को साल में एक बार हृदय की जांच करानी चाहिए, ताकि समय रहते बीमारी का पता चल सके। जिला अस्पताल के एमडी डॉ. रामजी सोनी के मुताबिक नियमित कसरत से हृदय रोग का जोखिम कम होता है। इससे दिल की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। वजन नियंत्रित होता है, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्त शर्करा और उच्च रक्तचाप से धमनी को क्षति पहुंचाने वाले कारक कम होते हैं। मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। शरीर को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है। मांसपेशी, फेफड़े, हड्डी की बीमारी कम होती है।
डॉ. रामजी सोनी ने बताया कि नशे का अत्यधिक सेवन भी हृदय रोग की अहम वजह है। तंबाकू उत्पाद के सेवन से एरोथेमा के क्रमिक निर्माण से धमनियां संकुचित हो जाती हैं। धमनियों की दीवार में वसा जमने से संकरी हो जाती हैं। हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है। यह एनजाइना की वजह बनता है। सीने में बेचैनी, दर्द होता है। अनदेखी भारी पड़ सकती है।
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बचाव के उपाय
– 40 साल की आयु के बाद कराएं हृदय की जांच।
– फास्ट फूड, मिलावटी भोजन और नशे से दूर रहें।
– प्रतिदिन एक घंटे पैदल चलें, वजन नियंत्रित करें।
– नमक, चीनी, फैट बढ़ाने वाले उत्पाद से दूर रहें।
– मानसिक तनाव से बचें, दिनचर्या व्यवस्थित करें।
– सीने में दर्द अनदेखा न करें, तत्काल जांच कराएं।