2 घंटे पहले
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क्रिकेट में ऐसा 2 बार ही हुआ है, जब 4 गेंदों पर 4 बल्लेबाज पवेलियन लौट गए हो। ऐसा करिश्मा करने वाले गेंदबाज का नाम है, लसिथ मलिंगा। ‘स्लिंगा मलिंगा’ के नाम से मशहूर मलिंगा के नाम 546 अंतरराष्ट्रीय विकेट हैं।
साइंस ऑफ क्रिकेट में आज बात मलिंगा और उनके खास एक्शन की
मलिंगा की बॉलिंग में लगने वाला मैग्नस इफेक्ट
मलिंगा की गेंदबाजी में बरनौली का मैग्नस इफेक्ट लागू होता है। मैग्नस इफैक्ट, स्पिन हो रही किसी भी चीज पर हवा के असर को बताता है। इसे ऐसे समझिए, बंदूक से निकली गोली अपने निशाने तक पहुंचने से पहले सीधा न जाकर, एक कर्व वाला रास्ता बनाती है। इसकी वजह से मलिंगा की बॉल अचानक डिप हो जाती है, और उसे बाउंस नहीं मिलता।

फास्ट बॉलर गेंद की ग्रिप को सीधा यानी अप राइट पोजिशन पर पकड़ते हैं। लेकिन, मलिंगा उसी सीम को थोड़ा तिरछा रखते हैं। इससे बॉल उनके हाथ से छूटने के बाद, क्लॉकवाइज यानी घड़ी की सूई की दिशा में घूमती है। बाईं तरफ हवा गेंद की स्पिन के खिलाफ चलती है। इसी सतह पर एयर स्पीड भी कम हो जाती है और प्रेशर ज्यादा होता है। जिसके चलते स्लिंगा बॉल हवा में ही दाहिनी तरफ घूम जाती है।

बॉल की सीम को तिरछा रखने के अलावा, मलिंगा अपने साइड आर्म एक्शन से भी बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल देते हैं। इस एक्शन से उनको न सिर्फ ज्यादा रेंज मिलती है, बल्कि ज्यादा स्पीड भी मिलती है। मलिंगा काफी झुककर गेंद फेंकते हैं और बांह हॉरिजेंटल होती है। अपने इस एक्शन से, उनको गेंद रिलीज करते समय ग्रैविटेशनल फोर्स यानी गुरुत्वाकर्षण बल का ऐहसास कम होता है, और आर्म रोटेशन भी तेजी से होता है।

फ्लैट यॉर्कर और पेस में मिश्रण के स्किल के चलते, मलिंगा नई और पुरानी गेंदों से विकेट निकाल लेते हैं।

ग्राफिक्स: अंकुर बंसल, राहुल शर्मा
साइंस ऑफ क्रिकेट के अगले एपिसोड में बात क्रिकेटिंग गियर्स की

साइंस ऑफ क्रिकेट के अगले एपिसोड में जानेंगे, हेलमेट, स्पाइक्स, ग्लव्स और पैरों पर पहने जाने वाले पैड्स जैसे जरूरी क्रिेकेटिंग गियर्स के बारे में।