लंदन: भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल एकबार फिर अलथ-थलग पड़ चुके हैं। 5 अक्टूबर से शुरू हो रहे वर्ल्ड कप में उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिली। मौजूदा दौर में दुनिया के बेस्ट लेग स्पिनर्स में से एक चहल शायद इस झटके के लिए मानसिक रूप से तैयार थे। वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है, जब इस तरह उन्हें बड़े टूर्नामेंट से बाहर रखा गया हो। इससे पहले 2021 में यूएई में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप में भी उन्हें स्क्वॉड में जगह नहीं मिली थी तो अगले ही साल यानी 2022 के टी-20 वर्ल्ड कप में तो सिलेक्शन के बावजूद प्लेइंग इलेवन तक के लायक नहीं समझा गया था।
अब तो आदत सी हो गई
क्रिकेट की प्रतिष्ठित मैगजीन विजडन से बातचीत में युजवेंद्र चहल का दर्द छलक ही गया। 33 वर्षीय छहरहरे बदन वाले इस क्रिकेटर का कहना है कि अब उन्हें टीम से बाहर रहने की आदत हो चुकी है। यह उनकी जिंदगी का हिस्सा हो चुका है। भारतीय टीम से नजरअंदाज किए जाने के बाद इंग्लैंड जाकर काउंटी क्रिकेट खेल रहे चहल ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि सिर्फ 15 खिलाड़ियों को ही चुना जा सकता है। यह वर्ल्ड कप है, जहां आप 17 या 18 प्लेयर्स नहीं ले जा सकते। मुझे भी बुरा लगता है, लेकिन मेरी जिंदगी में मेरा मकसदन आगे बढ़ते रहने का है।’
मैं घर में नहीं बैठना चाहता
हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग में राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा चहल कहते हैं कि वह घर में नहीं बैठना चाहते थे इसलिए काउंटी खेलने के लिए भारत छोड़ दिया। बकौल चहल, ‘मुझे यहां रेड बॉल से मौका मिल रहा है। मैं भारत में भी रेड बॉल फॉर्मेट खेलना चाहता हूं इसलिए यह मेरे लिए अच्छा अनुभव साबित हो रहा।’
भारत ने चुने तीन स्पिनर्स
वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में तीन स्पिनर्स को चुना गया है। रविंद्र जडेजा, कुलदीप यादव और रविचंद्रन अश्विन। पहले अक्षर पटेल इस स्क्वॉड का हिस्सा था, लेकिन इंजर्ड होने के बाद आखिरी मौके पर उनकी जगह अनुभवी अश्विन की एंट्री हुई। जडेजा भारतीय सरजमीं पर अपनी बॉलिंग स्टाइल से खतरनाक साबित होने के साथ-साथ बल्लेबाजी से भी दम दिखाएंगे। अश्विन की बैटिंग क्षमता में भी किसी को कोई शक नहीं। कुलदीप यादव चाइनामैन स्टाइल से विरोधियों के दांत खट्टे करने को पूरी तरह तैयार है।