अमीन सयानी ने मनोरंजन की दुनिया में रेडियो का मधुर व्याकरण रचा


Amin Sayani created the sweet grammar of radio in the world of entertainment know who was ameen sayani

अमीन सयानी ने मनोरंजन की दुनिया में रेडियो का मधुर व्याकरण रचा
– फोटो : Twitter@AmeenSayani

विस्तार


अमीन सयानी यानी आवाज की दुनिया के सुपर स्टार। बचपन में जब अमीन सयानी का हर दिल अजीज कार्यक्रम ‘बिनाका गीतमाला’ सुनते तो लगता था कि यह आवाज किसी दूसरी दुनिया से आती है। ऐसी आवाज जो मानो रेडियो के लिए ही बनी है और रेडियो अमीन सयानी के लिए। कल के रेडियो उद्घोषक और आज के रेडियो जाॅकी अमीन सयानी की जानदार आवाज और अदायगी को के प्रति श्रोताओं की जबर्दस्त दीवानगी को शायद ही समझ पाएं। वो जमाना था जब बड़े-बड़े फिल्म स्टार भी अमीन सयानी से मिलने को बेताब हुआ करते थे।

दरअसल अमीन सयानी ने आजाद भारत में मनोरंजन की दुनिया में रेडियो एक नया और मधुर व्याकरण रचा। शुष्क समाचार और धीर गंभीर सूचनाओं और शास्त्रीय संगीत से परे जाकर आम आदमी की जबान में आम आदमी से सहज और दिलकश संवाद की नींव अमीन सयानी ने अपनी युवावस्था में रखी। उसी नींव पर आज टी.वी चैनल्स और एफएम रेडियो की दुनिया खड़ी है। यह कहना गलत नहीं होगा कि अमीन सयानी भारतीय रेडियो की दुनिया के ‘पितृ पुरूष’ थे। 

अमीन सयानी को सिर्फ इसलिए याद नहीं किया जाएगा कि उन्होंने बिनाका गीतमाला के रूप में हिंदी फिल्मों की लोकप्रियता का पैमाना तय करने वाला कार्यक्रम 42 साल तक होस्ट किया, बल्कि इसलिए भी याद किया जाएगा कि उन्होंने रेडियो की जनोन्मुखी, संवादात्मक और सहज सम्प्रेषणीय भाषा भी रची। अमीन सयानी जिस भाषा में उद्घोषणा करते थे, इसके माध्यम से रोचकता का संसार रचते थे,  वह हिंदी और उर्दू का मीठा मिश्रण होता था।

खास बात यह है कि अमीन सयानी ने अंग्रेजी उद्घोषक के रूप में करियर की शुरूआत की थी। लेकिन बाद में वो हिंदी उद्घोषणा की मील का पत्थर बन गए। अपनी सरल लेकिन प्रभावी शब्द संपदा के साथ हिंदी उर्दू के कठिन शब्दों का शुद्ध और नफासत भरा उच्चारण, स्वराघात, लय और प्रांजल सम्प्रेषणीयता अमीन सयानी की जुबान की ऐसी खूबियां थीं कि लोग उनकी सामान्य बातचीत पर भी मोहित हो जाते थे। 

विज्ञापन
विज्ञापन


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *