संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Sun, 25 Feb 2024 11:23 PM IST
अयोध्या। रेल विभाग से दिए जा रहे मैसेज ने कानपुर से वाराणसी आ रहे कई यात्रियों की साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन छुड़वा दी। शिकायत के बाद जांच पड़ताल की कवायद शुरू हुई। आखिरकार रेलवे ने सिस्टम की खामी मानी, लेकिन किसी पर कार्रवाई करने से पल्ला झाड़ लिया। सवाल अभी भी बरकरार है कि यात्रियों की धनहानि, समय की बर्बादी और असुविधा का जिम्मेदार कौन है?
मामला ट्रेन संख्या 19167 साबरमती एक्सप्रेस का है। यात्री ने कानपुर से अयोध्या के लिए सीट आरक्षित कराई। ट्रेन का कानपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने का समय 11:25 बजे है। ट्रेन के लाइव लोकेशन में इसे लेट बताया गया। इसके मैसेज आए। एक बार ट्रेन एक घंटा 40 मिनट विलंब की बात कही गई। फिर एक घंटे 59 मिनट विलंब की सूचना आई। यात्री रात 12 बजे स्टेशन पहुंचा तो पता चला ट्रेन तो 10 मिनट पहले चली गई। इसकी शिकायत रेल मंत्री से लेकर अफसरों तक से की गई। कवायद शुरू हुई। जांच की बात कही गई। कई चक्र में बातचीत की गई।
रेलवे के एक अफसर ने बताया कि यह ऑटो जनरेटेड मैसेज है। सिस्टम पकड़ नहीं पाया और गलत मैसेज पास हो गया। यह केवल एक यात्री की समस्या नही है। उसी दिन कई की ट्रेन छूटी। और भी ट्रेनें छूटती होंगी। विभाग के लोग भी स्वीकार करते हैं कि पहले भी ऐसी समस्या आ चुकी है। बावजूद इसके फिर ऐसा हुआ। विभाग के इस सिस्टम के फेल्योर पर वह यात्री क्या करें जो इस मैसेज के कारण यात्रा से वंचित रह गए।