‘मैं तुम्हारा गुलाम नहीं हूं’… ये कहते ही जब शख्स ने जेब निकाली रिवॉल्वर, सहम गए थे पंकज उधास, क्या था माजरा?


नई दिल्ली. ‘न कजरे की धार’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’, ‘आज फिर तुम पे’, ‘चिट्ठी आई है..’ जैसे कई गानों को अपनी मखमली आवाज से, संगीत को लोगों के दिलों दिमाग में बैठा देने वाले पंकज उधास आज अपने फैंस को हमेशा के लिए उदास कर गए हैं. 72 साल के इस दिग्गज सिंगर ने आज अंतिम सांस ली. अपनी गजलों से उन्होंने लोगों को रुहानी संगीत से रूबरू कराया. गजल गायक पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और मायानगरी मुंबई में आज सुबह 11 बजे आखिरी सांस ली. उनके निधन से इंडस्ट्री के साथ उनके फैंस भी शोक में हैं.

72 साल के पंकज उधास को बड़ी पहचान फेमस गजल ‘चिट्ठी आई है’ से मिली थी. उधास परिवार आधिकारिक नोट के साथ सिंगर के निधन का खबर दी. उन्होंने बताया कि गायक लंबी बीमारी से पीड़ित थे. सिंगर के निधन के बाद अब उनकी पुराने किस्सों को लोग याद कर रहे हैं, एक किस्सा हम आपको सुनाने जा रहे हैं, जो उन्होंने खुद बयां किया था, ये किस्सा एक इवेंट का था, जब एक शख्स को देख उनके हाथ पैर फूल गए थे.

कपिल के शो में सुनाया था किस्सा
‘द कपिल शर्मा शो’ पर पंकज उदास एक बार अनूप जलोटा, हरिहरन सहित कई दिग्गज गायकों के साथ पहुंचे थे. यहां उन्होंने एक किस्सा शेयर किया. उन्होंने बताया था कि कैसे लाइव कॉन्सर्ट में गा रहे पंकज उधास फरमाइश न सुनाने पर फैन ने पिस्टल निकाल दी थी.

‘मैं तुम्हारा या किसी का गुलाम तो हूं नहीं’
पंकज उधास ने बताया था कि मैं एक बार वो ऐसे ही एक महफिल में बैठकर गजल गा रहा था. मैंने 3 से 4 गजलें गा दी थीं और अब मेरे समय खत्म हो रहा था. तभी एक साहब मेरे पास आए और बोले भाई जरा फलां-फलां गजल अब सुना दो. उसकी ये बात सुनकर, मैंने कहा- ‘क्यों अभी सुनाऊं भई , मैं तुम्हारा या किसी का गुलाम तो हूं नहीं कि जब तुम बोलोगे तो मैं गा दूंगा’.

रिवॉल्वर देख जब सकपका गए सिंगर
मेरा इतना कहना था कि थोड़ी देर बाद मैंने देखा-तो उसने अपनी जेब से एक रिवॉल्वर निकाली और वह उसे लहराने लगा. सिंगर ने बताया कि ये देखने के बाद मेरी जो हालत हुई है, वो मैं ही जानता हूं.’ उस शख्स की हरकत से पंकज इतना डर गए कि उन्होंने उसकी फरमाइश की गजल गाई.

मां से तोहफे में मिला था संगीत
आपको बता दें कि साल 2006 में पंकज उधास को पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था. वो अपने तीनों भाइयों में सबसे छोटे थे. उनका परिवार राजकोट के पास चरखाड़ी नाम के एक कस्बे का रहने वाला था. उनके पिता केशुभाई उधास सरकारी कर्मचारी थे, उन्हें इसराज बजाने का बहुत शौक था. वहीं उनकी मां जीतूबेन उधास को गानों का बहुत शौक था. यही वजह थी पंकज उधास समेत उनके दोनों भाइयों का रुझान संगीत की तरफ हमेशा से रहा.

Tags: Entertainment news., Singer


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