Hanuma Vihari: ‘कभी नहीं खेलूंगा…’, भारतीय क्रिकेटर हनुमा विहारी का छलका दर्द, एसोसिएशन पर लगाए गंभीर आरोप


स्टार क्रिकेटर हनुमा विहारी ने कुछ समय पहले आंध्र टीम की कप्तानी छोड़ दी थी. अब हनुमा विहारी ने कप्तानी से हटने की वजहों का खुलासा किया है. हनुमा ने कहा कि वह फिर कभी राज्य के लिए नहीं खेलेंगे. रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सीजन में आंध्र प्रदेश का अभियान समाप्त हो चुका है. आंध्र प्रदेश को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मध्य प्रदेश ने चार रनों से हरा दिया.

क्या हनुमा विहारी हुए राजनीति का शिकार?

हनुमा विहारी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘इस पोस्ट के जरिए मैं कुछ फैक्ट सामने रखना चाहता हूं. बंगाल के खिलाफ पहले मैच में मैं कप्तान था. उस मैच के दौरान मैं 17वें खिलाड़ी पर चिल्लाया और उसने अपने पिता (जो एक राजनेता है) से शिकायत की. बदले में उसके पिता ने संघ से मेरे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा.’

मध्य प्रदेश के खिलाफ पिछले साल के रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल मैच को याद करते हुए विहारी ने कहा कि उन्होंने टीम के लिए अपना शरीर दांव पर लगा दिया था. दाहिने हाथ में चोट के कारण उन्होंने उस मैच में बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने के लिए मजबूर होना पड़ा लेकिन वह आंध्र को बाहर होने से नहीं रोक सके.

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘मैंने खिलाड़ी को व्यक्तिगत रूप से कभी कुछ नहीं कहा लेकिन संघ ने सोचा कि वह खिलाड़ी उस व्यक्ति से अधिक महत्वपूर्ण है जिसने पिछले साल अपना शरीर दांव पर लगा दिया और बाएं हाथ से बल्लेबाजी की. पिछले सात साल में पांच बार आंध्र को नॉकआउट में जगह दिलाई और भारत के लिए 16 टेस्ट खेले.’

मैं आंध्र के लिए कभी नहीं खेलूंगा: विहारी

30 साल के विहारी कहते हैं, ‘दुखद बात यह है कि संघ का मानना है कि वे जो भी कहें खिलाड़ी को वह सुनना होगा और खिलाड़ी उनकी वजह से ही वहां हैं. मैंने फैसला किया है कि मैं आंध्र के लिए कभी नहीं खेलूंगा जहां मैंने अपना आत्मसम्मान खो दिया है. मैं टीम से प्यार करता हूं, जिस तरह से हम हर सत्र में प्रगति कर रहे थे वह मुझे पसंद है, लेकिन संघ नहीं चाहता कि हम आगे बढ़ें.’

भारत के लिए 16 टेस्ट खेलने वाले मध्यक्रम के बल्लेबाज विहारी ने सत्र की शुरुआत आंध्र के कप्तान के रूप में की थी, लेकिन पिछले साल के उपविजेता बंगाल के खिलाफ पहले मैच के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया. रिकी भुई ने सत्र के बाकी मुकाबलों में टीम का नेतृत्व किया और अब वह 902 रनों के साथ मौजूदा सत्र में सबसे सफल बल्लेबाज हैं.

विहारी ने उस समय कप्तानी छोड़ने के लिए व्यक्तिगत कारणों को जिम्मेदार ठहराया था लेकिन अब दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि संघ ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा था. विहारी ने कहा, ‘मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई लेकिन इस सत्र में खेलना जारी रखने का एकमात्र कारण यह था कि मैं खेल और अपनी टीम का सम्मान करता हूं.’

Advertisement

हनुमा विहारी ने भारत के लिए 16 टेस्ट मैचों में 33.56 के एवरेज से 839 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से 1 शतक और 5 अर्धशतक निकले. विहारी ने अपना आखिरी टेस्ट मैच जुलाई 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेला था. विहारी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में खेली गई साहसिक पारी के लिए याद किया जाता है. उस मैच में हनुमा विहारी ने अंगद की तरह अपना पैर रखकर मैच बचाया था. उसके बाद ही भारत ने गाबा टेस्ट जीतकर सीरीज अपने नाम की थी.

प्रृध्वी राज ने दिया स्पष्टीकरण

हनुमा विहारी ने किसी खिलाड़ी के नाम का जिक्र नहीं किया था, लेकिन आंध्र के विकेटकीपर बल्लेबाज केएन पृथ्वीराज ने जवाब दिया. पृथ्वी राज ने लिखा, ‘सभी को नमस्कार… मैं वही आदमी हूं जिसे आप लोग कमेंट बॉक्स में खोज रहे हैं. आप लोगों ने जो भी सुना वह बिल्कुल झूठ है. खेल से बड़ा कोई नहीं है और मेरा स्वाभिमान किसी भी चीज से कहीं ज्यादा बड़ा है. व्यक्तिगत हमले और अभद्र भाषा किसी भी तरह से अस्वीकार्य हैं. टीम में हर कोई जानता है कि उस दिन क्या हुआ था. इस सहानुभूति के खेल को आप जैसे चाहें खेलें.’ केएन पृथ्वीराज के पिता फिलहाल जनसेना पार्टी से जुड़े हैं.


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *