फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स से किसानों की आय बढ़ा रही राजस्थान सरकार, युवाओं को भी रोजगार के अवसर


Panchayat Aajtak Rajasthan: राजस्थान में चुनावी माहौल के बीच जोधपुर के मैरियट होटल में ‘पंचायत आजतक’ के मंच पर न केवल राजनीति बल्कि खेती-बाड़ी और किसानों के मुद्दे पर भी बात हुई. इस मंच पर किसानों के लेकर राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं पर बातचीत की गई. इन योजनाओं तक किसानों की पहुंच पर बात हुई. पंचायत आजतक में राजस्थान सरकार के सुरेंद्र सिंह राठौर( सेक्रेटरी एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी), झब्बर सिंह ( डायरेक्टर एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी) , नरेश यादव( डिप्टी डायरेक्टर, एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी) भी हिस्सा लेने पहुंचे.

प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए दी जा रही है सब्सिडी 

खेती-किसानी में प्रोसेसिंग यूनिट के एंट्री से किसानों की आय में कितना इजाफा हुआ है. मंडियों और गांवों में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर राजस्थान में क्यों जोर दिया जा रहा है. इस मामले पर नरेश यादव( डिप्टी डायरेक्टर, एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी) बताते हैं कि प्रोसोसिंग यूनिट से किसानों की आमदनी बढ़ी है. हमने ज्यादा से ज्यादा प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए बकायदे किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है. प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए हम अधिकतम सब्सिडी डेढ़ करोड़ रुपये तक दे रहे हैं. 

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जीरा और ईसबगोल किसानों की बढ़ी आय

जोधपुर के इलाके में जीरा और ईसबगोल की बड़े पैमाने पर खेती होती है. यहां की मंडियों से ही अन्य राज्यों में जीरा और ईसबगोल का निर्यात किया जाता है. सुरेंद्र सिंह राठौर( सेक्रेटरी एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी) बताते हैं कि पहले जीरे की प्रोसेसिंग के लिए उपज को कहीं और भेजना पड़ता है. ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ने से किसानों पर भी भार पड़ता है. अब किसानों के पास मंडियां खोल दी गई हैं. इससे किसानों को कहीं दूर अपने जीरे और ईसबगोल की उपज की प्रोसेसिंग के लिए नहीं जाना पड़ रहा है. इससे किसानों का खर्च बच रहा है, जिसके चलते उनकी आमदनी भी कम हो रही है.

फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से अब किसानों को सीधा संपर्क

 झब्बर सिंह (डायरेक्टर एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी) के मुताबिक पहले किसानों कोअपनी उपज का प्रस्संकरण करने के लिए बिचौलियों का सहारा लेना पड़ता था. फूड प्रोसेसिंग  इंडस्ट्री से किसानों का कोई वास्ता नहीं था. हालांकि, अब मंडियों में यूनिट्स लगने से किसान सीधे अपनी उपज की प्रोसेसिंग करा लेता है. किसानों को साथ युवाओं को भी रोजगार का फायदा मिल रहा है. अगर कोई किसान या व्यापारी फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए इच्छुक है तो राजकिसान साथी पोर्टल के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं. हम किसी भी आवेदन पर 30 दिनों तक फैसला ले लेते हैं.


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