Lala amarnath: भारतीय क्रिकेट टीम के उस जमाने के मशहूर क्रिकेटर लाला अमरनाथ भारत के प्रसिद्ध क्रिकेटर थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की तरफ से पहला शतक चढ़ा था। वह भारत के पहले ऐसे ऑलराउंडर थे जिन्होंने बल्ले के अलावा गेंद से भी कमाल किया था। उन्हें 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उनकी धरोहर को आगे बढ़ाने के लिए उनके बेटे सुरेंद्र अमरनाथ ,मोहिंदर अमरनाथ और राजेंद्र अमरनाथ ने भारतीय टीम की कमान संभाली तथा पिता की तरह शानदार प्रदर्शन कर मैच में शतक लगाया जबकि मोहिंदर ने भारत के लिए 69 टेस्ट मैच खेले थे
क्रिकेट के इतिहास में शतक वीरों की लिस्ट में लाला अमरनाथ का भी नाम शामिल है। उन्होंने भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय में पहला शतक लगाया था वह भारत के पहले ऐसे ऑलराउंडर थे जिनकी गेंदबाजी विपक्षी को झुकने पर मजबूर कर देती थी साल 1991 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उनके तीनों बेटों ने कमान संभाल ली और भारत की तरफ से शानदार प्रदर्शन करते हुए लाला अमरनाथ का नाम रोशन किया।
पिता कि विरासत को बेटों ने बढ़ाया
उनके बेटे सुरेंद्र नाथ 15 साल की उम्र में ही पहले प्रथम श्रेणी में प्रदर्शन किया 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने लॉर्ड्स में एक ऐतिहासिक शतक लगाया था। 1967 में इंग्लैंड स्कूल बॉयज के विरुद्ध भारतीय स्कूल बॉयज की जीत सुनिश्चित करने के लिए मैच की आखिरी दो गेंदों पर छक्का लगाया। उन्होंने 10 टेस्ट मैच और 145 प्रथम श्रेणी मैच भी खेला है। लाला अमरनाथ के दूसरे बेटे मोहिंदर अमरनाथ को जिमी के नाम से भी जाना जाता है. वह स्वतंत्र भारत के पहले कप्तान रहे मोहिंदर ने 1969 चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली बार प्रदर्शन किया मोहिंदर तेज गति के खिलाफ खेलने वाले भारतीय टीम के सबसे होनहार खिलाड़ी थे
लाला अमरनाथ के सबसे छोटे बेटे राजिंदर अमर नाथ भी किसी से कम नहीं थे उन्होंने भारत के लिए 24 टेस्ट मैच खेले और एक टेस्ट में शतक बनाने वाले पहले ऐसे भारतीय थे जो अपने पहले ही मैच ही शतक लगाए हो। साथ ही एकदिवसीय मैचों में भारत के प्रतिनिधित्व भी किया जिनमें से पूर्व ने भी टेस्ट पदार्पण पर शतक लगाया था। जबकि बाद वाले ने 1983 क्रिकेट विश्व कप में फाइनल ऑफ द मैच का खिताब हासिल किया था