फिक्की फ्रेम्स: सचिव संजय जाजू बोले, भारत को साॅफ्ट पावर बनाने में मीडिया-मनोरंजन उद्योग की भूमिका अहम


FICCI Frames 2024 Secretary Jaju said media-entertainment industry is important in making India soft power

भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की)
– फोटो : सोशल मीडिया

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भारत को साॅफ्ट पावर बनाने में मीडिया और मनोरंजन (एम एंड ई) क्षेत्र की अहम भूमिका है। इस क्षेत्र में विकास और रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। यह हमारी अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मंगलवार को मुंबई में फिक्की फ्रेम्स 2024 के उद्घाटन के दौरान सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सामूहिक सहभागिता आवश्यक है।

जाजू ने कहा कि भारत इस समय डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। ऑनलाइन मीडिया सामग्री की उपलब्धता के कारण मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में भी तेजी से बदलाव आया है। देश में 90 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता, 60 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन और 4 करोड़ से अधिक कनेक्टेड टीवी हैं। यह उद्योग अपनी रचनात्मकता, नवीनता और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था में गुणांक के रूप में वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जाजू ने कहा कि फिक्की-अर्नेस्ट एंड यंग रिपोर्ट के अनुसार, देश के डिजिटल मीडिया सेगमेंट में साल-दर-साल 30 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखी गई है। ओटीटी सेगमेंट की वृद्धि ने इस क्षेत्र में वास्तविक बदलाव लाया है। इस समय देश में करीब 60 ओटीटी प्लेटफॉर्म काम कर रहे हैं और इनमें से कई क्षेत्रीय भाषाओं में कार्यक्रम प्रसारित कर रहे हैं। भारत में ओटीटी सेगमेंट का मौजूदा कारोबार 10 हजार करोड़ रुपये का है।

तन्मय माहेश्वरी बोले, कंटेंट क्रिएटर्स के इंसेंटिव का मुद्दा अहम 

अमर उजाला समूह के प्रबंध निदेशक तन्मय माहेश्वरी ने मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में बदलाव को रेखांकित करते हुए कहा कि ओटीटी प्लेटफार्म में दिनोंदिन परिवर्तन हो रहे हैं। जितना अच्छा कंटेंट होगा, उतने ही सब्सक्राइबर और दर्शकों की संख्या बढ़ेगी लेकिन मौजूदा समय में हमारे पास इतने लोग नहीं हैं जो कंटेंट क्रिएशन की सारी समस्या हल कर दें। कंटेंट क्रिएटर के बिना यूट्यूब या इंस्टाग्राम कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि कंटेंट क्रिएटर को इंसेंटिव भी एक मुद्दा है। उन्हें सम्मानजनक पारिश्रमिक मिलनी चाहिए। इसके लिए एक खुला पारिस्थितिकी तंत्र होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) और वेब थ्री की अपनी समस्याएं हैं। एआई के जमाने में काफी बदलाव आएगा। इसलिए जो कंटेंट बना रहा है, उसके हिसाब से उसे इंसेंटिव मिलना चाहिए। इसके लिए हम सभी को सरकार के साथ मिलकर इसका समाधान निकालना होगा।


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