कैसी है नेटफ्लिक्स की सीरीज ‘अवतार: द लास्ट एयरबेंडर’? पढ़ें रिव्यू


Avatar The Last Airbender Review in Hindi: फैंटेसी और एडवेंचर फिल्मों के शौकीन हैं, तो हाल में ही नेटफ्लिक्स पर पर रिलीज हुई ‘अवतार: द लास्ट एयरबेंडर’ आपके लिए सही चुनाव हो सकती है. ये सीरीज इंग्लिश के साथ-साथ हिंदी में भी अवेलेबल है. अगर आप इसे देखने का मन बना रहे हैं, तो जान लीजिए कि ये एयरबेंडर यूनिवर्स की ये सीरीज कैसी है.

कहानी
‘अवतार: द लास्ट एयरबेंडर’ की कहानी एक फैंटेसी वर्ल्ड के इर्द-गिर्द रची और बुनी गई है. साल 2010 में आई फिल्म एम नाइट श्यामलन ‘द लास्ट एयरबेंडर’ जिसमें स्लमडॉग मिलिनेयर वाले देव पटेल भी थे, ये सीरीज उसी कहानी का विस्तार है. इस दुनिया में एयर,अर्थ, वॉटर और फायर जैसे तत्वों पर अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले नेशन्स हैं, जहां रहने वाले लोग इन तत्वों को अपने हिसाब से जंग या शांति में इस्तेमाल करने की क्षमता रखते हैं. और इसी को ‘बेंडिंग’ कहते हैं. इन नेशन्स के बीच किसी तरह की जंग न हो इस पर कंट्रोल करने के लिए ‘अवतार’ होता है. पुराने अवतार के चले जाने पर नया अवतार आता है.

इस बार अवतार को आने में देर हो गई है और इसका खामियाजा पूरी दुनिया उठा रही है. फायर नेशन्स ने दुनिया पर फतह हासिल करने के लिए जंग छेड़ दी है. अब जब नया अवतार आंग अभी भी अपनी ताकतों को पहचानने की कोशिश कर रहा हैृ, तभी उसे अपने दोस्तों के साथ दुनिया को बचाने की जिम्मेदारी भी अपने कंधों में उठानी पड़ती है. अवतार दुनिया को बचाने की अपनी कोशिश में कई नए दोस्त बनाता है और निकल पड़ता है अलग-अलग जगहों की खतरनाक जर्नी में. ये पूरी जर्नी ही इसकी कहानी है, जहां उसे कभी अच्छे लोग मिलते हैं तो कभी शैतान और राक्षसों से भी पाला पड़ता है. इस जर्नी में उसका सामना कई बार फायर नेशन के राजकुमार जूको से भी होता है, जो उसे कैद करने की फिराक में है.

कैसी है सीरीज?
सीरीज में वीएफएक्स और सिनेमैटोग्राफी बेहतरीन हैं, जो सपनों की अलग दुनिया में ले जाते हैं. एडवेंचर के साथ एक्शन दोनों की मात्रा भरपूर है. हर एपीसोड में एक नया ट्विस्ट है. जो कहानी को तो आगे बढ़ाता ही है. साथ ही, बढ़ाता है सीरीज से जुड़े इंट्रेस्ट को. 6 पैरों वाला उड़ने वाला भैंसा हो या आंखों से अलग-अलग रूप दिखाने वाला सैकड़ों पैरों में झूलता कनखजूरा सब कुछ ओरिजनल लगता है. हालांकि, कुछ सीन्स बोझिल लगते हैं, जब कहानी रोककर ज्ञान देते कैरेक्टर दिखते हैं. अगर वो सीन नहीं भी होते तो भी उनकी जरूरत नहीं महसूस होती, उल्टा कहानी की स्पीड में थोड़ी और तेजी आती.

एक्टिंग और डायरेक्शन
ये कमी की तरह लगती है कि डायरेक्टर को ये ख्याल नहीं आया कि आंग 100 सालों तक बर्फ क्यों फंसा रहा या फिर उसके पहले भी लोगों को कैसे पता चला कि वही एक अवतार है. इन छोटी-मोटी चीजों को छोड़ दें तो मनोरंजक दुनिया को पर्दे में सही उतारने का काम किया गया है. एक्टिंग की बात करें तो सीरीज के लीड कैरेक्टर आंग के किरदार में मासूमियत के साथ ताकतवर होने के हावभाव को गॉर्डन कॉर्मियर ने बढ़िया से दिखाया है. इसके अलावा, कटारा के रोल में कैवेंटियो की मेहनत रंग लाई है. वहीं जूको के कठोर और साथ ही साथ दयालु किरदार में डालस लू जंचे हैं.

आखिर में ये एक अलग ही यूनिवर्स गढ़ने की शुरुआत है. ये सीरीज खत्म हो गई है, लेकिन कहानी अभी बाकी है. इसलिए, इसके दूसरे सीजन और तीसरे सीजन का लुत्फ उठाने के लिए भी आप तैयार रह सकते हैं.

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