
Why Pilot and Co-Pilot Given Separate Food: अगर आपने कभी हवाई जहाज में सफर किया है, तो आपने देखा होगा कि उसे नियंत्रित करने वाले दो पायलट होते हैं. विमान में दो पायलट रखने का कारण सरल है – सुरक्षा सुनिश्चित करना और इसे यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाना. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पायलट और को-पायलट को अलग-अलग खाना क्यों परोसा जाता है? अगर नहीं, तो बता दें कि इसके पीछे काफी दिलचस्प कारण है.
दरअसल, अलग-अलग खाना परोसने के पीछे का कारण 1984 से है, जब लंदन और न्यूयॉर्क के बीच अल्ट्रा-लक्स कॉनकॉर्ड सुपरसोनिक विमान पर सभी 120 यात्रियों और फ्लाइट के क्रू मेम्बर्स को साल्मोनेलोसिस – साल्मोनेला एंटरिटिडिस नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाली आंतों की बीमारी – का सामना करना पड़ा था. विमान में सवार सभी लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए थे.
सभी प्रभावित लोगों को बुखार, उल्टी, पेट में ऐंठन और दस्त जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ा था. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फूड पॉइजनिंग की वजह से एक शख्स की मौत भी हो गई थी.
पायलटों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2009 में ब्रिटिश रजिस्टर्ड एयरलाइन से पायलटों के बीच फूड पॉइजनिंग के 32 मामले सामने आए थे, जबकि 2007 में 39 मामले सामने आए थे.
हालांकि उड़ान के दौरान भोजन शायद ही कभी दूषित होता है, लेकिन फूड प्वाइजनिंग से बचने और यात्री सुरक्षा के लिए, अलग भोजन परोसा जाता है. रिपोर्टों के अनुसार, कुछ एयरलाइंस ने यह पहल की है और इसलिए कॉकपिट क्रू के लिए पूरी तरह से अलग भोजन तैयार किया जाता है. पायलटों के बीमार होने की संभावना को सीमित करने के लिए, पायलट और को-पायलट को अलग-अलग भोजन दिया जाता है.