नूंह जिले में 66,965 बुजुर्गों को हर माह खाते में डाली जा रही 2750 रुपये पेंशन
परिवार पहचान पत्र में 3 लाख रुपये से कम इनकम पर मिलते हैं 2750 रुपये
संवाद न्यूज एजेंसी
नगीना-नूंह। सरल तरीके से सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराने में परिवार पहचान पत्र की असरकारक भूमिका सामने आई है। इस योजना से अकेले नूंह जिले में 6,297 बुजुर्गों की पेंशन बनाई गई है। हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल बुढ़ापा पेंशन को 3000 रुपये मासिक करने का ऐलान कर चुके हैं। माना जा रहा है कि हरियाणा दिवस 1 नंवबर से यह घोषणा अमल में आएगी। जबकि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय विभाग हरियाणा द्वारा जिला नूंह के 66, 965 बुजुर्गों को प्रत्येक माह 2750 रुपये की राशि बुढ़ापा सम्मान पेंशन के रूप में उनके खातों में डाली जा रही है। जिनमें बीसी कैटेगरी के 52475, बीसीए के 601, बीसी-बी के 2599, जरनल कैटेगरी के 8329, एससी कैटेगरी के 3604 तथा एसटी व टपरीवास जाति के दो लाभार्थी शामिल हैं। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 250 रुपये की बढ़ोतरी की थी। अब किसी भी बुजुर्ग को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता लेने के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है। जो व्यक्ति 60 साल की आयु पूरी होने पर पति-पत्नी की आय 3 लाख रुपये वार्षिक से कम है तो उनकी पेंशन बन जाएगी। विभाग की तरफ से केवल पेंशन लेने की सहमति लाभ लेने वाले से ली जाती है।
नूंह जिला समाज कल्याण अधिकारी सरफराज खान ने बताया कि परिवार पहचान पत्र के तहत जिनकी उम्र 60 साल हो गई और पति-पत्नी की सालाना इनकम 3 लाख रुपये से कम है, उनका सूची क्रीड की तरफ से ऑटोमेटिक विभाग के पास आती है। संबंधित लाभार्थी के पास जाकर विभाग उसकी सहमति लेता है, उसके बाद पेंशन बना दी जाती है।
नूंह जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन योजना को परिवार पहचान पत्र से जोड़ने के बाद बुजुर्गों को राहत मिली है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में फ्लैगशिप योजना शुरू हुई, तब से आयु व आय के निर्धारित मापदंडों को पूरा करने वाले बुजुर्गों की परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अब बुढ़ापा सम्मान पेंशन ऑटो मोड में बन रही है।
कैप्शनः धीरेंद्र खड़गटा, डीसी नूंह