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1 अप्रैल 2023 को शुरू हुआ वित्त वर्ष 2023-24 बीते 31 मार्च को खत्म हो गया है. बीते 12 माह में खाद्य पदार्थों में जमकर महंगाई देखी गई है. इस दौरान अरहर यानी तूर दाल 33 रुपये महंगी हुई तो चावल 5 रुपये प्रतिकिलो महंगा हुआ. इसी तरह दूध और चीनी की कीमत में 3-3 रुपये की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. जबकि, टमाटर और आलू समेत अन्य सब्जियों के दामों में उछाल देखा गया. हालांकि, पेट्रोल-डीजल-गैस के दाम ने लोगों की परेशानी को कम किया है.
दूध-चीनी के दाम चढ़े
भारत में ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत सुबह की चाय के साथ होती है. इसे बनाने में प्रमुख रूप से दूध और चीनी का इस्तेमाल होता है. दूध बीते 1 साल में 3 रुपए बढ़कर 59 रुपए प्रति लीटर हो गया है. इसी तरह चीनी की कीमत भी 3 रुपए बढ़कर 44 रुपए प्रति किलो हो गई है.
दाल-चावल में भारी महंगाई
बीते साल महंगाई के चलते लंच करना जेब पर थोड़ा भारी रहा है. तुअर दाल की कीमत एक साल के दौरान 33 रुपये बढ़कर 148 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई. जबकि, चावल के दाम भी इस दौरान 5 रुपए बढ़कर 44 रुपए प्रति किलो हो गए हैं. वहीं, आटा भी 2 रुपए बढ़कर 36 रुपए प्रति किलो हो गया है. हालांकि, जानकारों का मानना है कि जिस तरह से दुनियाभर में महंगाई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ रही है, वहीं भारत सरकार ने इसे कंट्रोल करने का काम बखूबी किया है.
आलू-टमाटर महंगे हुए
हर सब्जी के साथ ताल मिलाने वाले आलू-टमाटर की कीमतों ने भी पिछले साल लोगों के बजट को जमकर बिगाड़ा है. टमाटर 10 रुपए महंगा होकर अब 32 रुपये प्रति किलो का हो गया है. आलू भी बीते साल 5 रुपये महंगा होकर 23 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है. जबकि, कुछ अन्य सब्जियों की कीमतों में भी उछाल देखा गया.
सस्ते हुए कॉमर्शियल-घरेलू गैस सिलेंडर
चाय बनाना वैसे ज्यादा महंगा हो सकता है, लेकिन LPG सिलेंडर के दाम में आई कमी ने ऐसा होने से रोक दिया. घरेलू गैस सिलेंडर दिल्ली में बीते 12 महीनों में 300 रुपये सस्ता हुआ है. वहीं, कॉमर्शियल गैस सिलेंडर में 233 रुपये की कटौती हुई है.
पेट्रोल-डीजल के दाम घटे
चाय-नाश्ता करने के बाद दफ्तर या काम से बाहर जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कार की खुराक भी पिछले कारोबारी साल में सस्ती हुई है. 15 मार्च को पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम में भी 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी.
यानी बीते कारोबारी साल में रोजाना की दिनचर्या में कहीं महंगाई तो कहीं राहत ने लोगों की जेब पर असर डाला है. (आदित्य के राणा)
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