Fatehpur News: 15 सवारी लेकर मौत बनकर दौड़ रहे ऑटो


फतेहपुर। ऑटो और ई-रिक्शा की सवारी खतरे की साबित हो रही है। इसकी वजह क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाकर तेज रफ्तार में चलना है। इन्हीं कारणों की वजह से मंगलवार को चित्रकूटधाम कर्बी में ऑटो में सवार सात लोगों की मौत हो गई थी।

ऑटो में आठ सवारियां ठूंसकर बैठाई गई थीं और रफ्तार भी तेज थी। इसे देखते हुए बुधवार को ऑटो व ई-रिक्शा सवारी की पड़ताल की गई, तो हर ऑटो नियम तोड़ते आते-जाते दिखे। ऑटो में चालक के साथ तीन सवारियों को बैठाने का प्रावधान है, जबकि 13 से 15 सवारियां बैठाई जा रही हैं। वहीं ई-रिक्शा पांच से अधिक सवारियां बिठाकर तेज रफ्तार फर्राटा भर रहे हैं।

दोपहर साढ़े बारह बजे जीटी रोड शांतिनगर स्थित एक ऑटो थरियांव से आ रहा था। ऑटो ड्राइवर के साथ अलग-अलग दो सवारियां बैठी थीं। ऑटो चालक ने अपनी सीट के पीछे लकड़ी के बेंचनुमा सीट पर महिला समेत चार लोगों को बिठाया था। सामने सीट पर भी चार सवारियां और दो बच्चे बैठे थे। पीछे डिग्गी में चार सवारियां बैठी थीं। ऑटो में चालक समेत 15 लोग बैठे थे। चालक ऑटो करीब 50 की रफ्तार से दौड़ा रहा था। यह लोधीगंज चौराहे से होकर गुजरा, लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने रोकने की जहमत नहीं उठाई।

दोपहर पौने एक बजे जिला अस्पताल के सामने ऑटो चालक ने 13 सवारी ठूंसकर भरी। कुछ अन्य सवारियों पर निगाह दौड़ाई, जब कोई नहीं मिला, तो मलवां की ओर ऑटो दौड़ा दी। इस ऑटो में भी आगे तीन, पीछे चार-चार और डिग्गी में दो सवारियां बिठाई थी। लोग जहां बैठे वहां से हिल तक नहीं सके। ऑटो की रफ्तार बीच शहर में ही चालक ने तेज कर दी। हाईवे से गुजरते समय यह स्पीड 60 तक पहुंच जाती है। चालक को पीछे से आ रहे वाहन को देखने के लिए शीशे में सवारियां दिखाई पड़ती हैं। ऐसे में हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

दोपहर दो बजे बहुआ कस्बे से गाजीपुर रोड पर टेंपो से राहगीर सफर तय करते हैं। यहां भी टेंपो के अंदर ठूंसकर सवारियां भरने के साथ बाहर भी लोगों को लटका दिया गया है। ऊबड़-खाबड़ रोड पर टेंपो चालक तेज रफ्तार में हिचकोले खाते निकलता है। ऐसे में कई बार बाहर खड़े यात्री गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं। टेंपो पर नंबर भी नहीं लिखा है। यह कंडम घोषित है, फिर भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ये सफर यात्रियों की जान जोखिम में डाल सकता है।

दोपहर तीन बजे गाजीपुर में सवारियों के आने-जाने का मुख्य वाहन ई-रिक्शा है। यहां भी यात्रियों को बिठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती। गाजीपुर रोड पर ई-रिक्शा चालक ने अपने साथ तीन सवारियां बैठा ली और स्वयं किनारे एक ओट के सहारे टेक लेकर वाहन चलाने का जोखिम भरा। इसमें पीछे चार-चार सवारियां भरी गईं। हालत यह है कि सवारियों के पैर बाहर तक निकले रहे। थोड़ी सी चूक से बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है।

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ओवरलोड वाहनों पर पांच हजार रुपये चालान का प्रावधान है। अब तक 39 वाहनों का चालान किया जा चुका है। ओवरलोड ऑटो पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। -सुरेंद्र सिंह, पीटीओ, परिवहन विभाग


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