भारत को पर्यावरण संरक्षण और सस्टेनेबल लिविंग में सशक्त बनाने का लक्ष्य
जिम्मी मगिलिगन सेन्टर फार सस्टेनेबल डेवलपमेंट की निदेशिका पद्मश्री जनक पलटा मगिलिगन के स्व. पति जिम्मी मगिलिगन की 13 वी पुन्यतिथि पर उनकी याद में सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर एक सप्ताह अप्रैल 15-21, 2024 के कार्यक्रमों का आयोजन हैं। सन 1988 से 2011 इंदौर में बरली डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट फ़ॉर रूरल विमेन के मैनेजर रहे उत्तरी आयरलैंड के मूलनिवासी ब्रिटिश नागरिक अपना, परिवार, लैंड रेक्लैमेशन के प्रख्यात प्रोफैशनल, पर्वतारोही, हैम रेडियो, अपना सबकुछ छोड़ बहाई विश्व केंद्र के आव्हान बहाई पायनियर के रूप में हमेशा के लिए भारत आ गए।
आकर 25 वर्षों तक पूरे तन, मन और आत्मा से बरली संस्थान में 500 गांव के सस्टेनेबल विकास के 6000 लिए गरीब , निरक्षर आदिवासी लड़किओ को समग्र विकास के लिए प्रशिक्षित कर उन्हें उनके अपने गांव भेजा, जिन में से आज तक एक भी लडकी किसी की नौकर नहीं है। अपने कर्मों और व्यवहार के कारण आज तक दोनों पति-पत्नी, जनक-जिम्मी, दीदी-जीजा जी ही माने जाते हैं।
जिम्मी ने बरली संस्थान की 6 एकड़ जमीन के परिसर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सस्टेनेबल डेवलपमेंट के मॉडल के रूप में विकसित किया जैविक, कच्रामुक्त, सोलर एनर्जी से आत्मनिर्भर बनाया।
मध्य भारत में 1998 में सबसे बड़ा सोलर किचन बनाने और स्थापित करने में अग्रणी के रूप में याद किया जाता है। इस सोलर किचन में आज भी 150 लोगों का खाना बनाने से साल में 300 दिन लकड़ी और 9 गैस सिलेंडरों की हर महीने बचत होती है। इसके बाद उन्होंने झाबुआ और धार जिलों के 3 स्कूल हॉस्टल के साथ-साथ इंदौर कोठारी मार्किट के अनाथालय के श्रद्धानंद आश्रम में भी बड़े सोलर किचन अपनी निशुल्क सेवा से बनाए और स्थापित किए।
जनक और जिम्मी ने अपने उतराधिकारीयो को 16 अप्रैल 2011 को संस्थान सौंपने से पहले गांव सनावदिया में घर बनाया, लेकिन इसके पूरा होने से पहले इस गांव में जिम्मी ने सोलर और विंड पावर स्टेशन बनाकर स्थापित किया जो दिसंबर 2010 से लेकर गांव के 50 आदिवासी परिवारों स्ट्रीट लाईट की आपूर्ति आज तक निशुल्क कर रहा है। तब से आज तक जनक दीदी उन्हें निशुल्क बिजली दे रही है।
दुर्भाग्यवश एक सड़क दुर्घटना के उपरांत 21 अप्रैल 2011 को उनके दुखद निधन के बाद, उस दुर्घटना में जनक पलटा मगिलिगन बच गई और उन्होंने ने अपने आपको संभाला और बरली संस्थान से सेवानिवृत्त हो कर सनावदिया में आकर अपने घर ‘गिरिदर्शन’ रहने लगी। साथ ही सस्टेनेबल डेवलपमेंट के बारे में लोगों को हर रोज़ निशुल्क सिखाने लगी।
सन 2011 से आज तक 1 लाख 76, 645 लोगों को स्वच्छता, सस्टेनेबल डेवलपमेंट विषय में प्रशिक्षित कर जागरूक किया है। साल भर पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता के लिए कचरा मुक्त जीवन, सस्टेनेबल लिविंग, पानी बचाना, रसायनमुक्त जीवन और खेती, भोजन, जलवायु जैसे विषयों पर सप्ताह आयोजित कर सिखाती रहती हैं।
यह कर्यक्रम आईआईटी इंदौर कैंपस, मानव चेतना केंद्र पिवडायी, अक्रोपोलिस इंस्टीट्यूट, ओरिएण्टल यूनिवर्सिटी, सीरुम नर्सिंग कालेज, सोलर फ़ूड फेस्टिवल के साथ प्रार्थना सभा) सनावादिया स्थित जनक दीदी के निवास गिरिदर्शन पर होंगे। गुजरात से विश्वविख्यात सोलर इनजनियर दीपक गढ़िया, सोलर फ़ूड उद्योगपति घनश्यामलुखी और महाराष्ट्र से सोलर इनजनियर डॉ अजय चंडक विशेष तौर मुख्य वक्ता होंगे।
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