गर्मियों के दिनों में अपच, गैस और पेट में जलन जैसी पाचन संबंधी समस्याएं आम हो जाती है। इन समस्याओं से राहत दिलाने में एंटासिड जैसी दवाओं का प्रयोग कुछ हद तक तो सहायक होता है, पर उनके भी अपने दुष्प्रभाव हैं। ऐसे में देखा जाए तो प्राकृतिक उपाय ही पाचन संबंधी इन समस्याओं में कारगर साबित होते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो नेचुरल एंटासिड (Natural antacids) की तरह काम करते हैं और पेट संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में बेहद असरदार साबित होते हैं। बता दें कि हमने इस बारे में लखनऊ के जनरल फिजिशियन डॉ. बृजेंद्र सिंह से बात की है और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
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डॉ. बृजेंद्र सिंह बताते हैं कि पेट या सीने मे जलन की समस्या एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux) के कारण होती है। असल में ऐसा तब होता है जब खाया गया भोजन बिना पचे ही पेट से खाने की नली में वापस आता है। ऐसी स्थिति में आहार नाल में भारी मात्रा में एसिड बनता है, जिसके कारण पेट और सीने में जलन महसूस होती है।
गौरतलब है कि एसिडिटी की समस्या से निजात के लिए आमतौर पर एंटासिड (antacids) दवाओं का सेवन किया जाता है। ऐसे में जानने और समझने वाली बात यह है कि ज्यादातर एंटासिड पेट में बने एसिड को पूरी तरह से नहीं नियंत्रित करते हैं, बल्कि सिर्फ बेअसर करते हैं । ऐसे में समस्या जस की तस बनी रहती है और इससे गंभीर बीमारियों का खतरा होता है। इसलिए बेहतर होगा कि इस समस्या पर प्राकृतिक तरीके से नियंत्रण पाया जाए। तो चलिए उन नेचुरल एंटासिड के बारे में जानते हैं जो न सिर्फ असरदार होती हैं, बल्कि दवाओं के प्रयोग से कहीं अधिक सुरक्षित भी होती हैं।
अदरक
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण अदरक पाचन में सहायक माना जाता है। ऐसे में अदरक का प्रयोग पेट में बनने वाले एसिड को शांत करने में भी सहायक माना जाता है। बता दें कि इसका प्रयोग आप चाय, स्मूदी या भोजन में डालकर कर सकते हैं। बात अदरक के प्रयोग की मात्रा की करें तो समस्या की गंभीरता अनुसार इसका मात्रा अधिक या कम हो सकती है।
पपीता
पपीते में पपेन नामक एंजाइम पाया जाता है जो भोजन के पाचन में बेहद उपयोगी साबित होता है। यह एंजाइम, प्रोटीन और भोजन में मौजूद दूसरे पोषक तत्वों को अवशोषित करने में सहायक होता है। ऐसे में गरिष्ठ भोजन के सेवन से होने वाली अपच और एसिडिटी की समस्या में राहत दिलाने में पपीते का सेवन लाभकारी साबित होता है।
हल्दी
हल्दी भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है, ऐसे में यह पेट में सूजन और अपच की समस्या से राहत दिलाने में कारगर मानी जाती है। खासकर इसमें पाए जाने वाला करक्यूमिन पेट में बनी गैस को शांत करने में बेहद मददगार साबित होता है। हालांकि हल्दी का अधिक मात्रा में प्रयोग हानिकारक भी होता है, इसलिए इसका प्रयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
कैमोमाइल
कैमोमाइल एक हर्ब है जो एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भरपूर होती हैं। ऐसे में इसका सेवन एसिडिटी और पाचन संबंधी समस्याओं को शांत करने में असरदार माना जाता है। इसके लिए आप कैमोमाइल चाय का सेवन भोजन के बाद कर सकते हैं।
बेकिंग सोडा
पाचन संबंधी समस्याओं में बेकिंग सोडा का प्रयोग भी एंटासिड के रूप में काम करता है। इसके लिए चुटकी भर सोडा को एक गिलास पानी में डालकर घोल लें और खाने के लगभग एक से दो घंटे बाद इसका सेवन करें। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो एंटासिड के तौर पर बेकिंग सोडा का प्रयोग 12 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को ही करना चाहिए। साथ इस बात का भी ध्यान रहे कि सप्ताह में दो बार से अधिक बेकिंग सोडा का सेवन न करें।
ऊपर बताई गई किसी भी चीज का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें, क्योंकि शरीर विशेष की स्थिति और जरूरत अनुसार ही किसी भी प्राकृतिक उपाय का प्रयोग करना बेहतर होता है। उम्मीद करते हैं कि सेहत से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें।
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