भारत सरकार के जांच के घेरे में नेस्ले कंपनी आ चुकी है. सरकार ने भारत में बेचे जाने वाले शिशु के दूध में कथित तौर पर चीनी मिलाए जाने की रिपोर्ट की जांच करने को कहा है. एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि Nestle भारत में बेचे जा रहे बेबी फूड में चीनी मिला रही है, जिसके बाद सरकार के निशाने पर ये कंपनी आ चुकी है.
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बिजनेस टुडे टीवी को बताया कि हमने Nestle के संबंध में रिपोर्ट का संज्ञान लिया है और मामले की जांच करेंगे. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) से नेस्ले के शिशु आहार के नमूनों की जांच करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का पालन करेगा. साथ ही उपभोक्ता मामलों के विभाग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही इस मामले पर चर्चा करेंगे.
कितने ग्राम मिलाई जाती है चीनी
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2022 के दौरान नेस्ले की बिक्री $250 मिलियन से ऊपर हो गई थी. इसके सभी सेरेलैक बेबी अनाज में अतिरिक्त चीनी एवरेज 3 ग्राम प्रति सर्विंग मिलाई जाती है. यह पैटर्न दक्षिण अफ्रीका में भी स्पष्ट है, जो अफ्रीका का प्राथमिक बाजार है, जहां सभी सेरेलैक बेबी अनाज उत्पादों में प्रति सर्विंग में 4 ग्राम या अधिक अतिरिक्त चीनी होती है. इसी तरह, 2022 में लगभग 150 मिलियन डॉलर की बिक्री के साथ दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बाजार ब्राजील में, तीन-चौथाई सेरेलैक बेबी अनाज (जिसे म्यूसिलॉन के नाम से जाना जाता है) में प्रति सर्विंग औसतन 3 ग्राम अतिरिक्त चीनी होती है.
Advertisement
भारत और ब्राजील में सबसे ज्यादा बिक्री
रिपोर्ट के मुताबिक, Nestle एशिया के देशों में अमेरिका और यूरोप की तुलना में अलग मात्रा में शुगर मिला रही है. यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के अनुसार, सेरेलैक ग्लोबल स्तर पर टॉप बेबी फूड ब्रांड है, जिसकी बिक्री 2022 में $1 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई थी. इस बिक्री का सबसे बड़ा हिस्सा लगभग 40 प्रतिशत, ब्राजील और भारत से आता है.
शहद की जगह चीनी की मिलावट
स्विस जांच संगठन पब्लिक आई ने एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में बेचे जाने वाले नेस्ले के बेबी फूड्स के नमूने की जांच के लिए बेल्जियम की प्रयोगशाला में भेजे. परिणामों से पता चला कि एक साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयोग किए जाने वाले दूध फार्मूला ब्रांड निडो और छह महीने से दो साल की उम्र के बच्चों के लिए उपयोग किए जाने वाले अनाज सेरेलैक के नमूनों में सुक्रोज या शहद के रूप में चीनी मिलाई गई थी.
नेस्ले का क्या है कहना
नेस्ले इंडिया के स्पोकपर्सन ने बताया कि कंपनी ने पिछले पांच साल में अपने बेबी फूड में अतिरिक्त शुगर को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया है. कंपनी के बयान में कहा गया है कि हम नियमित रूप से अपने फूड की जांच करते हैं और गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वाद से समझौता किए बिना अतिरिक्त शुगर के स्तर को कम करने के लिए अपने उत्पादों में सुधार करते हैं.