मिड डे मिल में एक्सपायरी दूध पीने से बच्चों को फूड प्वाइजनिंग, ग्रामीणों ने काटा बवाल


राजस्थान के डीडवाना एक सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड डे मील में एक्सपायरी दूध पीने से फूड प्वाइजनिंग का मामला सामने आया है. बच्चों के अभिभावकों का आरोप है कि एक्सपायरी दूध पीने से ही बच्चों को फूड प्वाइजनिंग हुई है. इसके बाद जमकर बवाल काटा और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया. लोगों ने लापरवाही करने वाले स्कूल के स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. 

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम अमरपुरा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में मिड डे मील के अंतर्गत बच्चों को एक्सपायरी डेट का दूध पिला रहे थे. दूध पीने से बच्चों को फूड प्वाइजनिंग हुआ. परिजनों ने बच्चों को पूछा तो उन्होंने स्कूल में दूध पीने की बात बतायी. जब परिजन स्कूल पहुंचे तो मौके पर एक्सपायरी डेट का दूध मिला. यह देख परिजनों ने  विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.

स्कूल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप
ग्रामीणों ने स्कूल के स्टाफ पर लापरवाही  का आरोप लगाया है .साथ ही उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि कुछ दिनों से इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पेट से संबंधित कई तरह की शिकायत मिल रही है. कई बच्चों को उल्टियां भी हो रही थी. जैसे ही आज परिजन स्कूल पहुंचे, तो दूध की थैलियां पर पैकिंग की तारीख देख चौंक गए. क्योंकि दूध की थैलियां पर पैकिंग की अवधि भी समाप्त हो चुकी थी. इसके बावजूद बच्चों को वही दूध पिलाया जा रहा था. 

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मामले की होगी जांच
मामले की सूचना मिलते ही डीडवाना सीबीईओ अर्जुन राम डूकिया मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि मुझे ग्राम पंचायत अमरपुरा के सरपंच साहब ने सूचना दी. स्कूल में पोषक पकाने वालों ने एक्सपायरी डेट वाले दूध बच्चों को पिलाया है. एक्सपायरी डेट वाला दूध भी बगल में पड़ा था. इसलिए गलती से वहीं बन गया. स्कूल प्रधान ने कहा कि अभी गलती से दूध बना ही था. किसी को पिलाया नहीं गया था. सभी दूध को नष्ट कर दिया गया है. मामले की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी.

बच्चों में फूड प्वाइजनिंग की शिकायत 
ग्रामीण मोहम्मद मुंशी कुरेशी  ने शिकायत है कि स्कूल में जो दूध दे रहे हैं कई दिन पुराना है. 4 महीने या 6 महीने से दूध को दे रहे थे. बच्चों को उल्टी दस्त पेट में दर्द जैसी शिकायत है काफी दिनों से मिल रही थी जब हम यहां स्कूल पहुंच कर दूध को देखा तो हमारे होश ही उड़ गए. जब हमने स्कूल के मास्टर जी को बोला तो उन्होंने कहा नहीं यह दूध सही है.


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