महाराष्ट्र में खाना खाने के बाद अचानक हुई 50 छात्रों की तबीयत खराब, डॉक्टर ने बताया फूड पॉइजनिंग का मामला


महाराष्ट्र में खाना खाने के बाद अचानक हुई 50 छात्रों की तबीयत खराब, डॉक्टर ने बताया फूड पॉइजनिंग का मामला

Food poisoning: महाराष्ट्र में 50 बच्चे खाना खाने के बाद बीमार पड़ गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जानें क्या है फूड पॉइजनिंग, इसके कारण लक्षण व इलाज के बारे में।

एक निजी कोचिंग संस्थान में 50 छात्रों की खाना खाने के बाद तबीयत अचानक से खराब हो गई, जिनके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जब डॉक्टर से इस बारे में बात की तो उसने यह फूड पॉइजनिंग का मामला बताया। मतलब खाने में कुछ ऐसा था जिसके कारण बच्चों के शरीर में विषाक्त पदार्थ बनने लगा और उनकी तबीयत तेजी से खराब होने लगी। हालांकि, रिपोर्ट्स के अनुसार बच्चों की तबीयत अभी स्थिर बताई जा रही है और उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक न्यूज चेनल वेबसाइट पर मिली जानकारी के अनुसार यह मामला महाराष्ट्र के पुणे शहर का बताया जा रहा है, जिसमें एक प्राइवेट कोचिंग सेंटर जिसमें जेईई और एनईईटी की कोचिंग कराई जाती है, जिसमें मिलने वाला खाना खाने के बाद बच्चे अचानक से बीमार पड़ गए। मामला फूड पॉइजनिंग का है और इसलिए खाने के सेंपल लेकर उन्हें लैबोरेटरी में जांच के लिए भेज दिया गया है।

फूड पॉइजनिंग कई बार गंभीर स्थिति बना जाती है और खासतौर पर बच्चों व बुजुर्गों में इसके लक्षण ज्यादा देखे जाते हैं। अगर समय रहते फूड पॉइजनिंग के लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो स्थिति को गंभीर होने से बचाया जा सकता है। जानें क्या है फूड पॉइजनिंग के शुरूआती लक्षण और इससे बचाव करन के लिए क्या किया जाना चाहिए।

फूड पॉइजनिंग के लक्षण

अगर किसी बच्चे, बुजुर्ग या किसी वयस्क व्यक्ति को फूड पॉइजनिंग होता है, तो उसके कुछ लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं –

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  • खाना खाने के कुछ देर बाद पेट दर्द महसूस होना
  • पेट में ऐंठन या ज्यादा गैस महसूस होना
  • जी मिचलाने लगना या उल्टी लगना
  • सिर में दर्द व उलझन महसूस होना
  • खाना खाने के आधे घंटे बाद दस्त लगना
  • खट्टी डकार व सीने में तेज जलन होना
  • थकान व कमजोरी महसूस होना
  • बुखार होना

फूड पॉइजनिंग के कारण

फूज पॉइजनिंग के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जिसमें प्रमुख रूप से खाना किसी संक्रमण फैलाने वाले रोगाणु से दूषित होना जैसे बैक्टीरिया, वायरस व पैरासाइट आदि। वहीं अगर खाना बासी हो गया है या फिर किसी गैस या केमिकल से दूषित हो गया है, तो भी पेट में जाकर यह फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है। ऐसे में खाना खाने के कुछ समय बाद ही फूड पॉइजनिंग के लक्षण होने लगते हैं।

फूड पॉइजनिंग का इलाज

फूड पॉइजनिंग की गंभीरता के अनुसार ही उसका इलाज किया जाता है, अगर थोड़े बहुत लक्षण है तो उन्हें घर पर ही ठीक किया जा सकता है जिसमें मरीज को पानी पिलाया जाता है और पाचन को बढ़ाने वाली चीजें खिलाई जाती है। वहीं अगर फूड पॉइजनिंग ज्यादा है, तो उसके कारण के अनुसार ही दवाएं दी जाती है, जैसे इन्फेक्शन के प्रकार के अनुसार ही एंटीबायोटिक, एंटीवायरल या एंटी-पैरासाइटिक दवाें दी जाती हैं। इसके अलावा अगर मरीज को दस्त, उल्टी, पेट दर्द व अन्य लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो उसके अनुसार भी दवाएं दी जा सकती हैं।




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