देश में सड़कों का जाल तेजी से फैल रहा है, साथ ही एक्सप्रेस-वे (Expressway) की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. जिंदगी को रफ्तार देने वाले ये एक्सप्रेस-वे छोटी सी लापरवाही के चलते मौत का हाई-वे बनते जा रहे हैं. बीते दिनों ग्रेटर नोएडा से देवरिया जा रही बारात के दूल्हे की कार यमुना एक्सप्रेस-वे पर टायर फटने से सड़क हादसे की शिकार हो गई. इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई और 3 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गएं. घायलों का इलाज कराया जा रहा है, लेकिन इस हादसे में एक बात ने फिर से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है और वो है.. एक्सप्रेस-वे पर सरटपट दौड़ती कारों का टायर फटना.
क्या है पूरा मामला:
सबसे पहले पूरी घटना को जान लेते हैं. ग्रेटर नोएडा के रहने वाले संतोष पटेल की बारात 20 अप्रैल शनिवार की रात में नोएडा से चली. 21 अप्रैल को बारात देवरिया पहुंचनी थी. मगर 21 अप्रैल को सुबह यमुना एक्सप्रेस वे पर कुबेरपुर के पास दूल्हे संतोष की अर्टिगा कार का अगला टायर फट गया. हादसा इतना भीषण था कि कार के परखच्चे उड़ गए. इसमें सवार दूल्हे के भाई गौतम पटेल समेत 5 लोगों की मौत हो गई. हादसे से कुछ देर पहले दूल्हा संतोष शेरवानी लेने के लिए गाड़ी से उतर गया था.
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क्या थी वहज:
बताया जा रहा है कि, एक्सप्रेस-वे पर कार अपनी रफ्तार से दौड़ रही थी. इस दौरान अचानक कार के आगे का पहिया तेज आवाज के साथ फट गया और कार अनियंत्रित हो गई. कार की स्पीड इतनी तेज थी कि, कार कई बार पलटते हुए डिवाइडर से जा टकराई और कुछ ही पल में कार के परखच्चे उड़ गए. ये सबकुछ इतना तेजी से हुआ कि, कार चालक को वाहन संभालने तक का मौका नहीं मिला. इस पूरे हादसे में कार के टायर फटने को असल वजह माना जा रहा है. ऐसे में यह समझना बहुत जरूरी है कि, आखिर एक्सप्रेस-वे पर वाहनों के टायर फटने के पीछे क्या कारण हैं और आप इससे कैसे बच सकते हैं.
क्यों फटता है टायर?
कार का टायर फटने की कई वजह हो सकती है, लेकिन सैद्धांतिक रूप से, टायर तब फटता है जब टायर से दबाव वाली हवा तेजी से निकल जाती है. यह तब होता है जब टायर का स्ट्रक्चर डैमेज हो और टायर अपने भीतर हवा को रोक पाने में सक्षम न हो. आम भाषा में समझें तो टायर की कंडिशन खराब हो. जैसे ही हवा टायर में छेद या किसी तरह के लीकेज के माध्यम से बाहर निकलने की कोशिश करती है, यह स्ट्रक्चर को तोड़ देती है और एक विस्फोट के साथ टायर फट जाता है.
आमतौर पर टायर निर्माता कंपनियां भी कुछ ख़ास बिंदुओं पर जोर देती हैं. जिन्हें नज़रअंदाज बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए. मशहूर टायर निर्माता Apolo Tyres के अनुसार यहां कुछ प्वांट्स दिए जा रहे हैं जिनके चलते टायर फटने की संभावना बढ़ जाती है.
डायरेक्ट इम्पैक्ट:
सड़क पर दौड़ती कार का टायर अचानक से किसी बड़े गढ्ढे या पोथहोल के संपर्क में आ जाए. या फिर खराब सड़क के किनारों पर रगड़ इत्यादि खाकर भी टायर के स्ट्रक्चर के डैमेज होने की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन एक्सप्रेस-वे ये संभावना काफी कम हो जाती है क्योंकि वहां की सड़कें काफी बेहतर और स्मूथ होती हैं. ये कारण आम सड़कों के लिए माना जा सकता है.
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हाई टेंप्रेचर:
गर्मी के मौसम में टायर फटने की घटना ज्यादा सुनने और देखने को मिलती है. इसकी असल वजह है टायर का तापमान बढ़ना. चलती कार का टायर सीधे सड़क के संपर्क में रहता है और घर्षण के कारण टायर का तापमान काफी बढ़ जाता है. कई बार टायरों से जलने की दुर्गंध भी आने लगती है. उत्तर भारत के कुछ शहरों में भीषण गर्मी के दौरान तापमान 48-50 डिग्री तक पहुंच जाता है ऐसे में यदि टायर का स्ट्रक्चर मजबूत नहीं है तो टायर फटने की संभावना बढ़ जाती है.
कम हवा:
टायर में कम हवा भी टायर फटने का प्रमुख कारण है. रिपोर्ट्स के मुताबिक टायर फटने के तकरीबन 75% मामलों में पाया गया है कि एक्सीडेंट के दौरान टायर में हवा कम थी. टायर में कम हवा के कारण अत्यधिक लचीलेपन से घर्षण बढ़ जाता है और इसलिए टायर स्ट्रक्चर डैमेज होने लगता है. जैसे ही हवा फुले हुए टायर के अंदर घूमती है, दबाव और सड़क के साथ घर्षण के कारण यह गर्म हो जाती है, जिससे टायर फटने की स्थिति पैदा हो जाती है.
हाई-स्पीड:
लगातार तेज़ गति से गाड़ी चलाने से सड़क पर टायर फटने की संभावना बढ़ सकती है. प्रत्येक टायर को एक विशेष गति सीमा और सड़क की सतह के लिए रेट किया गया है, यदि चालक उन सीमाओं पर ध्यान नहीं देता है और कार को तेज गति में दौड़ाता है तो टायर फट सकता है. इसके अलावा तेज गति रोड और टायर के बीच घर्षण को और एग्रेसिव तरीके से बढ़ा देती है.
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ओवरलोडिंग:
कार में जब जरूरत से ज्यादा लोग बैठे हों या फिर कार के भीतर अत्यधिक सामाना लदा हो तो इस स्थिति में भी टायर पर दबाव बढ़ता है. जैसा कि हमने बताया कि, हर वाहन के टायर को उसके बॉडी स्ट्रक्चर और लोड के अनुसार ही डिजाइन किया जाता है. ऐसे में यदि कार पर अत्याधिक या ओवरलोडिंग की जाती है तो ज्यादा संभावना है कि टायर फट जाए.
एक्सप्रेस-वे क्यों बढ़ रही है घटना:
हाल के दिनों में देश के कई अलग-अलग एक्सप्रेस-वे टायर फटने की घटनाएं देखने को मिली है. इसका एक प्रमुख कारण ये है कि, एक्सप्रेस-वे पर पहुंचते ही बेहतर रोड कंडिशन को देखकर कार की स्पीड बढ़ा देते हैं. जाहिर है कि तेज स्पीड टायर-रोड के बीच घर्षण को बढ़ाता है. दूसरा कारण ये है कि, एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कंक्रीट (Concrete) या सीमेंट का इस्तेमाल ज्यादा होता है. वहीं पारंपरिक सड़कों में बिटुमेन (Bitumen) का इस्तेमाल किया जाता है. कंक्रीट की सड़के टायर से घर्षण के दौरान ज्यादा हीट उत्पन्न करती हैं. जो कि टायर के स्ट्रक्चर को तेजी से डैमेज करता है. ऐसे में टायर फटने की संभावना बढ़ जाती हैं.
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टायर फटने से कैसे रोकें:
1)- टायरों को हमेशा कार के मैनुअल में दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टैंडर्ड लेवल तक हवा से भरवा कर रखें. हालांकि थोड़ी बहुत हवा कम होना चिंता का विषय नहीं है लेकिन बहुत ज्यादा कम न हो. यदि आपको किसी टायर में हवा में कम लगे तो तत्काल उसमें हवा भरवाएं.
2)- यात्रा शुरू करने से पहले और गंतव्य पर पहुंचने के बाद अपनी कार के टायरों को जरूर चेक करें. आधुनिक कार टायर ट्रेड वियर इंडिकेटर के साथ आते हैं, टायरों को 1.5 मिमी ट्रेड डेप्थ (गहराई) के मिनिमम लेवल से अधिक न चलाएं. यदि कार का टायर इंडिकेटर तक घिस चुका है तो समझ लें इसे तत्काल बदलने की जरूरत है.
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3)- वाहन में ओवरलोडिंग करने से बचें. ख़ासकर लंबी दूरी यात्रा के दौरान एक्स्ट्रा पैसेंजर और लगेज दोनों को शामिल न करें. आमतौर पर देखा जाता है कि, लोग लांग ट्रिप में ज्यादा लोग और ज्यादा सामान इत्यादि भरकर कार चलाते हैं. ऐसा करने से बचें इससे टायर पर अनावश्यक दबाव बढ़ेगा.
4)- हमेशा कार में अच्छी क्वॉलिटी और ब्रांडेड टायर का ही इस्तेमाल करें. कुछ पैसों की बचत के चक्कर में कभी भी लोकल टायर्स का इस्तेमाल न करें. एक छोटी सी लापरवाही बड़े हादसे की वजह बन सकती है. इतना ही नहीं इससे कार में सवार लोगों के जान पर भी आ सकती है. कोशिश करें कि, कंपनी द्वारा अधिकृत सर्विस सेंटर पर उपलब्ध ओरिजिन टायर ही इस्तेमाल करें.
5)- अपने वाहन के टायर का साइज बदलने के लिए कार निर्माताओं के आकार घटाने और बढ़ाने के दिशानिर्देशों का पालन करें. बिना सोचे-समझे अपने वाहन के व्हील या टायर कंपोनेंट्स में किसी तरह का बदलाव न करें. इससे भी टायर फटने की स्थिति पैदा हो सकती है. क्योंकि संभव है कि, नया टायर कार निर्माताओं द्वारा निर्धारित गति सीमा या वजन सीमा को संभालने में सक्षम न हो.
6)- कार में हमेशा एक स्पेयर व्हील जरूर रखें. जरूरत पड़ने पर तत्काल कार का टायर बदलें और फिर यात्रा की शुरुआत करें. यदि आपके कार का टायर 50% या उससे ज्यादा घिस चुका है तो इसे तत्काल चेंज करवाएं. यदि आप इसे नहीं समझ पा रहे हैं तो इसके लिए आप अधिकृत सर्विस सेंटर पर जाकर अपने वाहन के टायर की जांच करवा सकते हैं.
7)- कार में नाइट्रोजन एयर का इस्तेमाल करें. लंबी दूरी की यात्राओं और एक्सप्रेस-वे जैसे रोड कंडिशन के लिए ये काफी बेहतर माना जाता है. दरअसल, नाइट्रोजन कार के टायर के रनिंग टेंप्रेचर को कम रखने में मदद करता है. इससे टायर की लाइफ भी बढ़ती और रोड पर टायर के गर्म होने की संभावना भी कम रहती है. नार्मल कंप्रेस्ड एयर और ऑक्सीजन की तुलना में नाइट्रोजन ज्यादा स्टेबल रहता है, इससे लीकेज की संभावना भी कम होती है.