आईसीसी क्रिकेट विश्व कप-2023 भारत में हो रहा है। हर देश के क्रिकेट फैन्स अपनी टीमों का उत्साह बढ़ाने के लिए भारत का दौरा कर रहे हैं। इस बीच इन क्रिकेट फैन्स के बीच भारतीय गानों का क्रेज भी देखने को मिल रहा है। ऐसा ही कुछ ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के साथ हुआ, जब मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट फैन्स ने गणपति बप्पा मोरया…के गाने जमकर डांस किया और अपनी टीम की हौसलाअफजाई की।
16 अक्टूबर 2023 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित अटल बिहारी वाजपेई इकाना क्रिकेट स्टेडियम में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच खेला गया। मैच के दौरान बारिश शुरू होने के कारण कुछ देर के लिए इसमें भी खलल पड़ा, लेकिन दर्शकों ने खूब मनोरंजन किया। सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों को प्रथम पूज्य श्री गणेश जी पर बने गाने ‘गणपति बप्पा मोरया…’ पर जमकर झूमते देखा गया। वायरल वीडियो में भारतीय दर्शकों के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट ने भी ‘वन्दे मातरम’ और ‘भारत माता की जय ‘ के नारे भी लगाए।
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सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो के बाद अब एक सवाल ये खड़ा हो गया है कि कहीं भारत में रहने वाले कथित सेक्युलर और वामपंथी गिरोह को इससे न समस्या हो जाए। ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि देश के लेफ्ट और सूडो सेक्युलर गैंग हिन्दू देवी-देवताओं से काफी दिक्कतें होती हैं। इसका जीता जागता उदाहरण अमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में देखा जा चुका है, जहां 14 अक्टूबर को भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान ‘एक ही नारा एक ही नाम जय श्री राम-जय श्री राम’ गाना बजा दिया गया। फिर क्या था सेक्युलर गैंग को भारत में सांप्रदायिकता नजर आने लगी।
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और विधायक उदयनिधि स्टालिन ने हिन्दुओं को सांप्रदायिक करार दे दिया। इस मामले में कांग्रेस कैसे पीछे रहने वाली थी, उसे भी तो इस भीड़ में शामिल होना था। कांग्रेस की तरफ से मोर्चा संभाला तमिलनाडु कांग्रेस की स्टेट महासचिव दिव्या मारुंथैया ने। मारुंथैया ने अपना दुख व्यक्त किया कि भारत धार्मिक चरमपंथियों के सामने हार गया। यहीं नहीं कांग्रेस नेत्री तो एक कदम आगे निकल गईं। उन्होंने क्रिकेट विश्व कप 2023 में पाकिस्तान की जीत की कामना कर डाली।
कांग्रेस नेताओं के मुख से पाकिस्तान के लिए ‘अफजल जी’, आतंकवादी ‘भटके हुए नौजवान’ मोदी को हराने के लिए पाकिस्तान से मदद करने जैसे शब्द पहले ही निकल चुके हैं, तो फिर पाकिस्तान की जीत की ‘कामना’ वाला शब्द सुनना कोई बहुत अधिक अटपटा नहीं लग रहा है। गलती से किसी ने कुछ दिया तो ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’खतरे में पड़ जाएगी। इसीलिए जब नरेंद्र मोदी स्टेडियम में लोगों ने जय श्री राम के नाम का जयकारा लगाया तो सेक्युलरों को भारत में असहिष्णुता का आभास होने लगा।
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वहीं जब श्रीलंका के खिलाफ मैच के दौरान पाकिस्तान के क्रिकेटर मोहम्मद रिजवान ने नमाज पढ़ी तो सेक्युलरों और वामपंथियों को ये काफी ‘कूल’ रहा। किसी ने भी इसका जिक्र तक करने की तकलीफ उठाई। ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों को संभलकर गणपति बप्पा मोरया जैसे नारे लगाने की आवश्यकता है। अन्यथा किसी सेक्युलर ने देख लिया तो सेक्युलरिज्म खतरे में आ जाएगा।