मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की एक दुकान पर लगी मशीन भी देखरेख के अभाव में हो गई बंद।
By Madanmohan malviya
Publish Date: Thu, 25 Apr 2024 04:00 PM (IST)
Updated Date: Thu, 25 Apr 2024 04:00 PM (IST)
HighLights
- एटीएम से राशन वितरण के पायलट प्रोजेक्ट के लिए भोपाल जिले को चुना गया था।
- प्रक्रिया को समझने के लिए खाद्य विभाग का एक दल उत्तराखंड भी गया था।
- इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर, उज्जैन सहित अन्य जिलों में लगाने की योजना थी।
Food ATM in MP: मदनमोहन मालवीय, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर हितग्राहियों को सही मात्रा में राशन वितरण कराने के लिए फूड एटीएम योजना शुरू की गई थी। इसकी शुरुआत भोपाल के ऐशबाग स्थित उचित मूल्य की दुकान में फूड एटीएम लगाकर हुई थी। यहां से कुछ दिन वितरण भी हुआ, लेकिन बाद में देखरेख के अभाव में मशीन बंद हो गई। इसे अन्य जगह स्थापित ही नहीं किया जा सका। नतीजतन राशन वितरण के दौरान होने वाली खाद्यान्न चोरी, कमी, मिलावट आदि गड़बड़ियों को रोकने के लिए बनी फूड एटीएम योजना विफल हो गई।
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया था
एटीएम से राशन वितरण के पायलट प्रोजेक्ट के लिए भोपाल जिले को चुना गया था। इसके सफल होते ही अन्य जिलों में मशीन लगाई जानी थी। फूड एटीएम से राशन वितरण प्रक्रिया को समझने के लिए खाद्य विभाग का एक दल उत्तराखंड भी गया था। वहां एटीएम लगाने वाली कंपनी और खाद्य अधिकारियों से चर्चा की थी। कंपनी और सरकार के बीच मशीनों को लगाने पर सहमति भी बनी थी, लेकिन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।
यहां लगने थे फूड एटीएम
फूड एटीएम इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर, उज्जैन सहित अन्य जिलों में लगाने की योजना थी।
बड़ी जगह और संचालन से घबरा रहे दुकानदार
ऐशबाग की राशन दुकान में मशीन को जमीन पर रख दिया गया है। इस मशीन के लिए प्लेटफार्म बनाना होगा ताकि अनाज हितग्राही के बैग में आ जाए। अभी मशीन से तुला हुआ अनाज एक बर्तन में गिरता है, जिसे हितग्राही को स्वयं अपने बैग में भरना पड़ता है। बड़ी जगह घेरने और संचालन प्रक्रिया कठिन होने की वजह से दुकानदार इसे लेने से घबरा रहे हैं।
फैक्ट फाइल
– 10 लाख रुपये है एक मशीन की कीमत
– एक-एक क्विंटल गेहूं-चावल दो स्लाट में निकालने की क्षमता
– प्रदेश में हैं पांच करोड़ 35 लाख से अधिक पात्र हितग्राही
– प्रदेश में हैं 22 हजार 396 शासकीय उचित मूल्य की दुकानें
प्रक्रिया भोपाल से शुरू की गई थी। ट्रायल के बाद कुछ सुधार करवाना है। सुधार होते ही मशीन को अन्य जिलों में लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। – रवींद्र सिंह, आयुक्त, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग।