हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में चल रही ग्वालियर चंबल संभाग में खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामले से जुड़ी कोर्ट के आदेश की अवमानना की याचिका में गुरुवार को सुनवाई हुई।
By anil tomar
Publish Date: Fri, 26 Apr 2024 09:17 AM (IST)
Updated Date: Fri, 26 Apr 2024 09:17 AM (IST)
HighLights
- खाद्य पदार्थों में मिलावट की अवमानना याचिका का मामला
- हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद राज्य शासन को केंद्र द्वारा बताई कमियों को पूरा कर दोबारा प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं
Gwalior News: नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में चल रही ग्वालियर चंबल संभाग में खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामले से जुड़ी कोर्ट के आदेश की अवमानना की याचिका में गुरुवार को सुनवाई हुई। जिसमें शासन की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी ने बताया कि जिन फूड टेस्टिंग वैन और मोबाइल यूनिट की खरीद के लिए केंद्र शासन से अनुदान की मांग की गई है उसमें केंद्र शासन की ओर से कुछ और सुझाव आए हैं।
केंद्र ने कुछ कमियों का उल्लेख किया है, राज्य सरकार के द्वारा जिनका संशोधन कर दोबारा केंद्र शासन को प्रस्ताव भेजा जाना है। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद राज्य शासन को केंद्र द्वारा बताई कमियों को पूरा कर दोबारा प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। अब इस मामले की सुनवाई 15 मई को होगी। दरअसल, अधिवक्ता उमेश कुमार बोहरे ने हाई कोर्ट में ग्वालियर चंबल संभाग में दूध, दही, पनीर, मावा में मिलावट के कारोबार को लेकर जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि दोनों संभाग में नकली पनीर, घी, मावा तैयार किया जा रहा है। पूरे देश में इसकी आपूर्ति की जा रही है। इससे लोग बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन मिलावट का कारोबार रोकने में नाकाम है। कोर्ट ने जनहित याचिका का दिशा निर्देशों के साथ जनहित याचिका का निराकरण कर दिया, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद मुख्य सचिव ने कोई कदम नहीं उठाए। इसके चलते अवमानना याचिका दायर की जिस पर वर्तमान में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।