भारत ने एकदिवसीय क्रिकेट वर्ल्ड कप कितनी बार जीता है


भारतीय क्रिकेट टीम करीब पिछले 50 सालों से, ख़ासकर सीमित ओवरों के प्रारूप में, एक मज़बूत टीम रही है। एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ODI) विश्व कप में दो बार जीत के बाद खेल में भारत का दबदबा बढ़ा है!

वनडे विश्व कप पहली बार साल 1975 में आयोजित किया गया था और तब से लेकर अब तक भारत ने सभी 13 संस्करणों में हिस्सा लिया है। क्रिकेट विश्व कप टूर्नामेंट का आयोजन चार साल में एक बार किया जाता है और अब यह 50 ओवर के प्रारूप में खेला जाता है।

भारत ने कितनी बार वनडे विश्व कप जीता है?

भारत ने दो बार वनडे वर्ल्ड कप जीता है। भारतीय टीम को पहली जीत साल 1983 में मिली थी जहां भारत ने फाइनल में वेस्टइंडीज को हराया था। भारत को दूसरा वनडे विश्व कप जीतने में करीब तीन दशक का समय लगा और साल 2011 क्रिकेट विश्व कप क फाइनल में श्रीलंका को हराकर उन्होंने दूसरी बार विश्व विजेता का ख़िताब अपने नाम किया।

आपको बता दें कि इंग्लैंड में खेला गया साल 1975 का पहला एकदिवसीय विश्व कप 60 ओवर के प्रारूप में खेला गया था। वैश्विक स्तर की प्रतियोगिता में यह भारत की पहली उपस्थिति थी। श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम पहले राउंड में एक जीत और दो हार के साथ बाहर टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी।

वनडे विश्व कप में भारत ने अपना पहला मैच, 7 जून को लॉर्ड्स में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेला था। इस मैच में सुनील गावस्कर ने 174 गेंदों पर सिर्फ 36 रन बनाकर नाबाद रहे थे। 

क्रिकेट विश्व कप के अगले संस्करण का आयोजन भी साल 1979 में इंग्लैंड में हुआ। लेकिन, यहां भी भारतीय टीम कोई बड़ी सफलता नहीं हासिल कर सकी और ग्रुप स्टेज के अपने सभी तीन मैच हारकर पहले राउंड में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 1983 में पहली बार एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप जीता। भारतीय कप्तान कपिल देव ने इंग्लैंड में विश्व कप अभियान में बेहद अहम भूमिका निभाई।

भारत को डिफेंडिंग चैंपियन वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और जिम्बाब्वे के साथ ग्रुप बी में रखा गया था। भारतीय क्रिकेट टीम ने चार मैचों में जीत और दो में हार के साथ पहली बार एकदिवसीय विश्व कप प्रतियोगिता में पहले राउंड से आगे बढ़ने में कामयाबी हासिल की।

भारतीय टीम ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए सेमीफाइनल में मेज़बान इंग्लैंड को छह विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई जहां उनका सामना वेस्टइंडीज से हुआ था। 

1983 विश्व कप फाइनल में, पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम सिर्फ 183 रन ही बना सकी। लेकिन, भारत ने सधी हुई और अनुशासित गेंदबाजी करते हुए वेस्टइंडीज को सिर्फ 140 रनों पर रोक दिया, जिसकी बदौलत भारतीय टीम ने क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान में पहली बार एकदिवसीय विश्व कप ट्रॉफी उठाई। 

मोहिंदर अमरनाथ को फाइनल में तीन विकेट लेने और 26 रन बनाने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। वहीं, विश्व कप के इस संस्करण में 18 विकेट लेने वाले भारत के रोजर बिन्नी सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।


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