दीपक वैष्णव
पब्लिक स्वर।छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर के रहवासी भोले भाले व अशिक्षित हैं जिसका फायदा ज्यादातर रसूखदार उठाते आए हैं।वहीं भोले भाले ग्रामीणों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले इन रसूखदारों पर जिम्मेदारों का भी संरक्षण रहा है जिसके चलते इन रसूखदारों का मनोबल और भी बढ़ता जा रहा है।बात बस्तर संभाग के होटलों की है जहां मानव शरीर के लिए खतरा माने जाने वाले तत्व यानी पेपर में लोगों को नाश्ता दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि इन प्रतिबंधित तत्वों को शासन ने प्रतिबंधित कर दिया है लेकिन 2 रुपये ज्यादा कमाने व प्लेटों को धोने की राहत नोकर से छुटकारा पाने के लिए इस तरह का कृत्य किया जा रहा है पर अब तक जिम्मेदारी निभाने वाले इन चीज़ों का अनदेखा किया जा रहा है बस्तर के गांव गांव में खाने की वस्तु हानिकारक शाही वाले न्यूज़ पेपरों पर दिया जा रहा है साथ ही गीदम व बस्तर जिले के भानपुरी में आप जा कर होटलों में देख भी सकते हो कि किस प्रकार से प्रतिबंधित न्यूज़ पेपर पर खाने की वस्तु दी जा रही है ।
अगर हम बात करें फूड इंपेक्टरो का तो सिर्फ खाना पूर्ति ही किया जा रहा है जिसके चलते आम नागरिक आज जहरीले कागज पर खाने को मजबूर है अब देखने वाली बात होगी कि आईना दिखाने के बाद क्या दूसरी दफा भी जहरीले कागज़ पर खाने की चीजें देखने को मिलेगी।