हाई प्रोफाइल शादी के रिसेप्शन में चूल्हे की रोटी, धनिया-टमाटर की चटनी खाने लगी भीड़ | traditional food trends in high profile wedding reception


विवाह समारोहों में मंचूरियन, चाइनीज से ज्यादा ढाबा स्टॉल पर लग रही भीड़

high profile wedding reception

चायनीज नहीं फुल्की, मटका कुल्फी भोजन के अलावा स्टार्टर की बात करें तो चाइनीस नूडल की अपेक्षा देसी चाट और फुल्की खूब पसंद की जा रही है। वहीं विविध लेवर्स में आने वाली आइसक्रीम की अपेक्षा देसी मटका कुल्फी लोगों को खूब भा रही है।

पारपरिक भोजन फूड एक्सपर्ट्स पवन केसरवानी का कहना है कि पिछले 5-6 साल में लोग दोबारा अपने पारंपरिक भोजन को पसंद करने लगे हैं। यह फूड इंडस्टरीज खासकर भारतीय खाद्य पद्धति और उनकी विशेषताओं को बढ़ावा देने अच्छे संकेत दे रही है।

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लौट रहा देसी चूल्हे का चलन, मिट्टी के बर्तन की मांग फूड एक्सपर्ट और कैटरिंग करने वालों ने बताया पिछले 5 साल में देसी स्टाइल फूड्स को लेकर लोगों की सोच बदली है लोग इसे पसंद कर रहे हैं। इनमें युवाओं के साथ-साथ 80 और 90 के दशक में जिन लोगों ने इस भोजनशैली को देखा है वे भी अपने पुराने दिनों को याद करते हुए इस तरह के बदलाव को बढ़ावा दे रहे हैं। यही वजह है कि बड़े-बड़े होटल, रिसॉर्ट से लेकर मैरिज गार्डन और गली मोहल्ला के मैदान में होने वाले आयोजनों में हर छोटे बड़े आयोजनों में देसी फूड स्टॉल या ढाबा कॉर्नर जरूर लगाया जाता है। चूल्हे पर तवा और मिट्टी के कल्ले में बनने वाली रोटी की महक पूरे माहौल को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। इसके अलावा सिलबट्टा पर सामने पिसती धनियां टमाटर और आम की चटनी लोगों के मुंह में पानी ला देती है। अन्य खाने की अपेक्षा लोग देसी किचन को खूब पसंद कर रहे हैं। इस ट्रेंड के चलते बाजार में कल्ले की डिमांड भी बढ़ गई है।

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कढ़ी, मसाले की दाल, भुने बैंगन का भर्ता चूल्हे की रोटियां और चटनी के अलावा सब्जी दाल की बात की जाए तो पकोड़े वाली कढ़ी, गांव की मसाले वाली दाल और कंडों में भूने बैगन का भर्ता भी पार्टियों में जाने वाले लोगों को खूब पसंद आ रहा है। इसके लिए विशेष कारीगर अलग से लगाए जाते हैं जो इन्हें बनाने में एक्सपर्ट होते हैं। इसी तरह रोटियां, बैंगन भूनने के लिए ग्रामीण महिलाओं को विशेष तौर पर कैटरिंग वाले बुलवाते हैं। इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि समारोहों के भोजन में आ रहे इस बदलाव का फायदा ग्रामीणों को मिल रहा है। उन्हें इस तरह के भोजन बनाने का काम मिल जाता है।


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