महुआ फूल संग्रहण में मनेंद्रगढ़ फिर नंबर वन, जंगल के फूड ग्रेड सोने की ख्याति अ


मनेन्द्रगढ़। वनमंडल मनेन्द्रगढ़ फूड ग्रेड महुआ फूल संग्रहण कार्य में इस वर्ष भी प्रथम पायदान पर रहा। छत्तीसगढ़ में महुआ आदिवासियों का एक महत्वपूर्ण आय का श्रोत होता है। इस कार्य से स्व-सहायता समूहों को अतिरिक्त रोजगार प्राप्त हुआ। संग्रहित फूड ग्रेड महुआ फूल को छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ रायपुर द्वारा विदेश में भी विपणन करने की योजना है। जिससे शासन को भी अतिरिक्त लाभ हो सकेगा। वर्ष 2024-25 में संपूर्ण राज्य में संग्रहित फूड ग्रेेड महुआ फूल 629.210 क्विंटल में से फूड ग्रेड महुआ फूल 445.07 क्विंटल का संग्रहण केवल मनेन्द्रगढ़ वनमंडल में किया गया है।

जिला यूनियन मनेन्द्रगढ़ की प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति भौंता, बेलबहरा, घुटरा, कछौड़, केल्हारी, बेलगांव, जनंुवा एवं माड़ीसरई के अंतर्गत फूड ग्रेड महुआ फूल (कच्चा महुआ) का नेट के माध्यय से संग्रहण कराया गया। संग्राहक कृषकों से 445.07 क्विंटल कच्चा महुआ फूल संग्रहित किया गया है। संग्रहण उपरांत महुआ फूल सोलर ड्रायर के माध्यम से सुखाया गया। महुआ फूल के संग्रहण पारिश्रमिक के रूप में कृषकों को राशि रूपये 445070.00 का भुगतान किया गया। सोलर ड्रायर में सुखाकर प्रसंस्करण का कार्य वन धन विकास केन्द्र जनकपुर एवं कठौतिया अंतर्गत संपादित किया जा रहा है। कच्चा महुआ फूल का प्रसंस्करण कार्य वन धन विकास केन्द्र जनकपुर एवं कठौतिया अंतर्गत स्व-सहायता समूंह के 20-20 महिलाओं सदस्यों द्वारा संपन्न किया गया है। समूंह की महिलाओं को माह अप्रैल 2024 से मई 2024 के मध्य 60 दिवस का रोजगार प्रदाय किया गया है। महिलाओं को प्रतिदिन 250.00 रूपये की दर से पारिश्रमिक भुगतान किया जावेगा। प्रसंस्करण उपरांत प्राप्त महुआ फूल ‘ए’ एवं ‘बी’ ग्रेड का बोरा भर्ती उपरांत एक्वाफुड एंड कोल्ड स्टोरेज, बिलासपुर बायपास, रिंग रोड नंबर 3 विधानसभा रोड गिरौद रायपुर में सुरक्षित भंडारण कराए जाने के निर्देश है। महुआ पेड़ों के नीचे नेट बांधकर महुआ फूल संग्रहण करने पर तेज गर्मी के मौसम में एक-एक महुआ फूल एकत्र करने के मेहनत से संग्राहक बच जाते है। महुआ फूल का संग्रहण करना आसान हो जाता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मनेंद्रगढ़ वनमंडल में 121 महुआ हितग्राहियों के द्वारा 321 महुआ वृक्षों के नीचे नेट बांधकर फूड ग्रेड महुआ एकत्र किया गया। इस व्यवस्था को लेकर ग्रामीण जन बहुत उत्साहित थे। आगामी वर्षो में अधिक संख्या में हितग्राही नेट के माध्यम से फूड ग्रेड महुआ फूल संग्रहण करने के लिए तैयार हुए हैं। फूड ग्रेड महुआ संग्रहण के दौरान पेड़ों में नेट बांधने, संग्रहण, परिवहन, ड्रायर में सुखाने, बोरा भर्ती एवं जीरा निकालने के कार्य से स्व-सहायता समूहों को अतिरिक्त रोजगार प्राप्त हुआ।

संग्रहित फूड ग्रेड महुआ फूल को लघु वनोपज सहकारी संघ रायपुर के द्वारा विदेश में विपणन करने की योजना है। जिससे शासन को भी अतिरिक्त लाभ हो सकता है। वर्ष 2024-25 में संपूर्ण छ.ग.राज्य मे संग्रहित फूड ग्रेेड महुआ फूल 629.210 क्विंटल में से फूड ग्रेड महुआ फूल 445.07 क्विंटल का संग्रहण केवल मनेन्द्रगढ़ वनमंडल द्वारा किया गया है। वनमंडल मनेन्द्रगढ़ फूड ग्रेड महुआ फूल संग्रहण कार्य में इस वर्ष भी प्रथम पायदान पर रहा।

पेड़ के नीचे कम दाम, नेट के प्रयोग से संग्रहण से दोगुना लाभ

प्रदेश के वनांचल क्षेत्रों में ग्रामीण गर्मी के मौसम में परंपरागत रूप से महुआ पेड़ के नीचे बीनकर संग्रहित करते रहे है। इसमें धूल, कंकड़ और कचरा लगा महुआ मिलता था। उन्हें इसके लिए 30-35 रूपए प्रति किलोग्राम बाजार में दर प्राप्त होता है। एक महुआ पेड़ से ग्रामीणों को औसतन 2 क्विंटल तक का महुआ संग्रहण हो जाता है। जिससे उन्हें लगभग 6-8 हज़ार तक की कमाई हो जाती है। हर ग्रामीण के यहाँ औसतन 5-10 महुआ पेड़ होते है। फूड ग्रेड महुआ के संग्रहण में चयनित कृषकों के वृक्षों पर नेट बांधकर साफ़ सुथरा महुआ एकत्र किया जाता है। नेट के उपर गिरने वाले महुआ फूल को कैरेट में एकत्र कर सोलर ड्रायर में सुखाकर, महुआ क्लीनिंग मशीन में डालकर साफ होने के बाद प्राप्त महुआ को पीटर सूपा के माध्यम से जीरा को निकाला जाता है। इससे प्राप्त महुआ को फ़ूड ग्रेड महुआ कहा जाता है जिसकी क़ीमत 70-140 रुपए प्रति किलोग्राम तक लघुवनोपज संघ ने दर निर्धारण किया है।

ग्रेड ‘ए’ 145 रूपए, ग्रेड ‘बी’ 115 रूपए प्रति किलोग्राम

मनेंद्रगढ़ वनमण्डल में यह कार्य वन धन विकास केन्द्र कठौतिया एवं जनकपुर में संपादित होता है। सोलर ड्रायर में सूखने के उपंरात प्राप्त फूड ग्रेड महुआ फूल खाने योग्य होता है। जिसे लघु वनोपज संघ द्वारा ग्रेड ‘ए’ 145 रूपए प्रति किलोग्राम एवं ग्रेड ‘ब’ 115 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय किया जाता है। भले ही अभी फ़ूड ग्रेड महुआ का मात्रा कम है पर आगामी वर्षों में ये पद्धति से महुआ संग्रहण पर और ज़्यादा ज़ोर दिया जाएगा ताकि ग्रामजनों को और ज़्यादा क़ीमत मिल सके और ज़्यादा रोज़गार भी।


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