पर्यटन विशेषज्ञों की मानें तो जयपुर आने वाले पर्यटक कुछ नया देखने की चाह रखते हैं। इसके लिए पर्यटकों को हैरिटेज वॉक के साथ फूड वॉक करवाई जा रही है। हैरिटेज वॉक में परकोटे की गलियां, यहां के बाजार आदि दिखाए जा रहे हैं। वहीं फूड वॉक में राजधानी के प्रसिद्ध व्यंजन चखाए जा रहे हैं। टूरिस्ट गाइड पर्यटकों को यहां के प्रसिद्ध व्यंजनों की दुकानों पर लेकर जाते हैं। उन्हें व्यंजनों की जानकारी भी जाती है। इसके साथ कुकिंग डेमो एंड डिनर विद इंडियन फैमिली का भी चलन भी शुरू हो चुका है। इसमें पर्यटकों को लोगों के घरों में लेकर जाते हैं, उन्हें घरों में राजस्थानी व्यंजन पकाने के साथ उन्हें परोसना बताते हैं।
फूड वॉक में खिला रहे जयपुर के जायके
फूड वॉक में पर्यटकों को जयपुर के जायकों का स्वाद चखाया जा रहा है। पर्यटकों को 50 से 70 साल पुरानी उन दुकानों पर लेजाया जाता है, जहां आज भी वहीं जायके बन रहे हैं। इसमें पर्यटकों को देशी के लड्डू, मोहनथाल, कढ़ाई का दूध, चाय, मिर्ची के टिपोरे, रबड़ी, अचार व पकौड़ी जैसे व्यंजन खिलाए जा रहे हैं।
हैरिटेज वॉक—वे व गलियों में भी पहुंच रहे सैलानी
चौड़ा रास्ता में चौकड़ी मोदीखाना में विकसित किया गया हैरिटेज वॉक—वे पर्यटकों की पसंद बनता जा रहा है। देश—विदेश से आने वाले पर्यटक इस वॉक—वे पर घूमने की डिमांड कर रहे हैं। यहां पर्यटकों को हैरिटेज हवेलियां दिखाई जा रही है। इस रास्ते में कई ऐतिहासिक हवेलिया हैं, जिन्हें हैरिटेज कलर (रामरज कलर) के माध्यम से एकरूपता दी गई। एक करोड़ रुपए खर्च कर इस रास्ते को संवारा गया। इसके बाद यहां पर्यटक आने शुरू हो गए। इस हैरिटेज वॉक—वे में 25 से अधिक हवेलियां है। यहां लोगों का पुश्तैनी व्यवसाय भी है, ये पर्यटकों को काफी पसंद भी आते हैं। इसके साथ पर्यटक चारदीवारी की गलियों में घूमना पसंद कर रहे हैं।
कुकिंग डेमो एंड डिनर विद इंडियन फैमिली
जयपुर आने वाले पर्यटक नए पर्यटन स्थल व नई चीज देखने की डिमांड कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें हैरिटेज वॉक के साथ फूड वॉक करवाई जा रही है। कुकिंग डेमो एंड डिनर विद इंडियन फैमिली का चलन नया आया है, जो पर्यटकों को पसंद आ रहा है।
— संजय कौशिक, पर्यटन विशेषज्ञ
पुराने जायकों की दुकानों पर लेकर जाते
फूड वॉक में पर्यटकों को पुराने जायकों की दुकानों पर लेकर जाते हैं। वहां पर्यटकों को जयपुर के स्वाद के बारे में बताया जा रहा है। ये पर्यटकों को काफी पसंद भी आ रहे हैं। इसके लिए हर गाइड ने अलग—अलग रूट भी बना रखे हैं।
— महेश कुमार शर्मा, अध्यक्ष, टूरिस्ट गाइड फेडरेशन आफ आमेर