जयपुर20 मिनट पहलेलेखक: उर्वशी संध्या वर्मा और अंकित ढाका
- कॉपी लिंक
जयपुर में दैनिक भास्कर के अभिव्यक्ति गरबा महोत्सव में इस बार लोग देशभर के 24 जायकों का स्वाद ले रहे हैं। देश के हर कोने की खास रेसेपी गरबा ग्राउंड में लोगों को परोसी जा रही है। इनमें मुरथल के पराठे, बनारस की टमाटर चाट, महाराष्ट्र की झुनका भाकरी, रांची की प्रसिद्ध भोला लिट्टी चोखा का स्वाद खास है। मुरथल के पराठे पहली बार अभिव्यक्ति गरबा का हिस्सा बने हैं।
जयपुर में मुरथल के पराठे लेकर आए मन्नत ग्रुप के मालिक रविन्द्र सिंह ने बताया- दिल्ली से 30 किलोमीटर दूर हरियाणा के पास मुरथल नाम की एक जगह है। यहां लोग दूर-दूर से सिर्फ पराठे खाने आते हैं। ये जगह सालों से पराठों के लिए जानी जाती है।
रविंद्र सिंह ने बताया- सालों पहले हाईवे पर ढाबे हुआ करते थे। ढाबों से आने वाली घी और मसालों को खुशबू हाईवे से गुजरने वाले लोगों को खींच लाया करती थी। बदलते समय के साथ धीरे-धीरे ढाबों ने रेस्टोरेंट और होटल का रूप ले लिया। समय बदला, ढाबे बदले लेकिन कुछ साथ रह गया तो मुरथल के खास तंदूरी पराठों का स्वाद। इन्हें फूड लवर्स आज भी उसी देसी अंदाज के साथ खाने आते हैं। हमारे सभी सेंटर पर मिलाकर रोज करीब 1 लाख पराठे सर्व किए जा रहे हैं।
कम मसालों के साथ देसी स्टाइल से इन पराठों को तंदूर के तैयार किया जाता है। ऊपर से स्वाद के लिए ताजा सफेद मक्खन लगाया जाता है।
तंदूर में तैयार होते हैं पराठे
रविंद्र सिंह ने बताया-इन पराठों को सालों से एक ही तरीके से बनाया जाता है। सीजन को देखते हुए फूड लवर्स के लिए पराठे तैयार किए जाते हैं। जिसे लोग सफेद मक्खन के साथ स्वाद लेकर खाना पसंद करते हैं। कम मसालों के साथ देसी स्टाइल से इन पराठों को तंदूर के तैयार किया जाता है। ऊपर से स्वाद के लिए ताजा सफेद मक्खन लगाया जाता है। विंटर सीजन में खास कर गोभी पराठा, मिक्स स्टफ पराठा, आलू पराठा,पनीर पराठा फूड लवर्स के लिए खास होते हैं। पराठों के साथ कसौरे में दही,हरी चटनी और मक्खन का स्वाद लेना लोग काफी पसंद करते हैं।
ठंडी खीर भी खास
मन्नत ग्रुप के जीएम अजय यादव ने बताया- मुरथल के पराठों के साथ ही लोग ठंडी खीर का स्वाद भी काफी पसंद करते हैं। आम तौर पर खीर को गर्मा गर्म परोसा जाता है,लेकिन हमारे यहां मुरथल के पराठों के साथ कुल्हड़ में ठंडी खीर सर्व की जाती है। खीर की मिठास और उसमें ड्रायफ्रूट का स्वाद लोगों को काफी पसंद आता है।
कैसे हुई शुरुआत
2005 से मुरथल के पराठों को बनाना शुरू किया गया। 2005 में पहली बार मुरथल में पराठों को सर्व किया गया। उससे पहले नॉर्थ में कई जगहों पर तंदूरी पराठे लोगो को सर्व किए जा रहे थे। जब मन्नत ग्रुप की ओर से तंदूरी पराठों को सफेद मक्खन, हरी मिर्च, प्याज, दही के साथ परोसा गया तो उसे मुरथल के पराठों का नाम दिया गया।
मन्नत हवेली मुरथल
मन्नत ग्रुप के ऑनर रविंद्र सिंह बताते हैं कि मन्नत हवेली मुरथल के तहत रोजाना पराठे और स्पेशल थाली सर्व करते आ रहे हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लोग मुरथल के तंदूरी पराठों का जायका लेने पहुंचते हैं। सभी जगहों को मिलाकर रोज करीब 1 लाख पराठे सर्व किए जा रहे हैं।
अभिव्यक्ति गरबा में कोलकाता से आई संदेश और कुरकुरी जलेबी। कोलकाता के बदरी हलवाई ये जायका लेकर जयपुर के अभिव्यक्ति गरबा में पहुंचे। जो 35 साल से ये काम कर रहे हैं।
कोलकाता का संदेश और कुरकुरी जलेबी भी खास
इसके साथ अभिव्यक्ति गरबा में लोगों को कोलकाता का संदेश और कुरकुरी जलेबी का स्वाद भी पसंद आ रहा है। 35 सालों से संदेश और कुरकुरी पनीर जलेबी बना रहे बदरी हलवाई भी अभिव्यक्ति गरबा में पहुंचे। उन्होंने इन दोनों जायकों के बारे में बताया।
कुरकुरी पनीर जलेबी
बदरी हलवाई ने बताया- कोलकाता की जलेबी का स्वाद बाकी जलेबियों से अलग है। मैदे और बेसन के से तैयार होने वाली इस जलेबी में पनीर भी डाला जाता है। इसकी साइज आम जलेबियों से थोड़ी बड़ी होती है। करीब 3 से 4 इंच की साइज तैयार की जाती है। फिर चाशनी में डिप किया जाता है। इन जलेबियों के रंग को निखारने के लिए केसर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही इसमें इलायची और गुलाब जल का प्रयोग किया जाता हैं।
कोलकाता का मीठा संदेश
कोलकाता का मीठा संदेश एक मिठाई है। नाम संदेश है,अपनी मिठास से लोगों को ये संदेश ही पहुंचाने का काम करते हैं। संदेश को बनाने का तरीका भी बेहद खास है। इसके साथ कोलकाता से गुलाब जामुन, लुची पुरी, कढ़ाई पनीर में देसी तड़का, मालपुआ, दही मिष्टी, रोस्टेड छेना ब्रेड भी लोगों को खूब पसंद आए।
क्या है लूची पूड़ी?
गेहूं के आटे में आलू और मटर की स्टफिंग की जाती है। इसमें थोड़ा चावल का आटा भी मिलाया जाता है। आटे को गूंथ कर उसमे छोटी छोटी पूड़ी बनाई जाती है। इसमें आलू और हरे मटर का मसाला तैयार कर उसकी स्टफिंग की जाती है। इसे किसी भी सब्जी के साथ या दम आलू के साथ परोसा जाता है।
बनारस की टमाटर चाट। इसे आज भी पारंपरिक तरीके से बनाया जाता है। साथ ही कुल्हड़ में परोसा जाता है।
बनारस की टमाटर चाट, पालक चाट और अरहर की कचौड़ी
इस बार अभिव्यक्ति गरबा में बनारस की टमाटर चाट, पालक चाट, अरहर की कचौड़ी, पूरी भाजी जैसे ट्रेडिशनल जायके भी हैं। इन्हें आज भी पारंपरिक तरीकों से बनाया जाता है। गरबे में भी उसी तरीके से तैयार कर परोसा जा रहा है। टमाटर की चाट को कुल्हड़ में परोसा जा रहा है। पालक की चाट को दोने में सर्व किया जा रहा है। इसके साथ जयपुराइट्स दही, इमली की खट्टी मीठी चटनी, हरी चटनी का स्वाद ले रहे हैं। इनके अलावा बनारस का ‘लौंग लता जी’ भी खास है। जो एक ट्रेडिशनल स्वीट है। मैदे से तैयार की जाती है। इसके हर पीस में एक लौंग लगाई जाती है।
गुजरात के मांडवी से आई दाबेली का स्वाद भी लोगों को काफी पसंद आ रहा है। अभिव्यक्ति गरबा में आए मलय गोस्वामी करीब तीस साल से दाबेली बना रहे हैं।
मांडवी की दाबेली
मांडवी की दाबेली गुजरात का फेमस व्यंजन है। इसकी शुरुआत मांडवी के मोहन नाथ ने की थी। अभिव्यक्ति गरबा में आए मलय गोस्वामी करीब तीस साल से दाबेली बना रहे हैं। उन्होंने बताया- दाबेली में सबसे महत्वपूर्ण इसका मसाला होता है। जो आलू और गर्म मसाले से तैयार किया जाता है। फिर इस मसाले को मूंगफली के साथ पाव में डालकर तवे पर घी में सेंकते हैं।
महाराष्ट्र के सोलापुर से अभिव्यक्ति में लाई गई झुनका भाकरी। इसे ज्वार की रोटी को पिठला और सिंघा चटनी के साथ परोसा जाता है।
झुनका भाकरी
झुनका भाकरी सोलापुर (महाराष्ट्र) की फेमस रेसिपी है। इसमें ज्वार की रोटी को पिठला और सिंघा चटनी के साथ परोसा जाता है। पिठला पीले रंग की होती है। जो बेसन से बनती है। सिंघा चटनी मूंगफली, लहसुन की चटनी और लाल मिर्च को मिलाकर बनाई जाती है। अभिव्यक्ति में पिछले कई साल से स्टॉल लगाते आ रहे बंटी ने बताया- झुनका भाकरी महाराष्ट्र सहित देश के कई हिस्सों में बड़े चाव से खाया जाता है।
रांची की प्रसिद्ध भोला लिट्टी चोखा भी खास रहा। इस लिट्टी को सत्तू समेत 14 तरह के आइटम डालकर तैयार किया जाता है।
भोला लिट्टी चोखा
गरबा में आपको रांची की प्रसिद्ध भोला लिट्टी चोखा का स्वाद लेने का भी मौका मिलेगा। स्टॉल संचालक मनोज ने बताया- लिट्टी को सत्तू में डालकर तैयार किया जाता है। सत्तू में चना सहित 14 तरह के आइटम मिलाए जाते हैं। इसको चोखा और प्याज, लहसुन और अदरक से बनी चटनी के साथ परोसा जाता है। भोला लिट्टी चोखा की शुरुआत 1956 में हुई थी।
पहाड़ी थाली भी गरबा में परोसी गई। इसमें मडुवे की रोटी, गहत की दाल, पहाड़ी राजमा, रायता, रेड राइस, आलू के गुटके, हरी चटनी, बंगजीर की चटनी और पहाड़ी झंगोरे की खीर शामिल होती है।
पहाड़ी खाने का स्वाद भी खास
गरबा में इस बार उत्तराखंड का पहाड़ी खाना भी खास है। यहां पहाड़ी खीर और झंगोरा की खीर रखी गई है। इस खीर को बनाने में पहाड़ी चावल (झंगोरा) का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही देसी घी में तैयार किया जाता है।
उत्तराखंड की फेमस गहत की दाल। जो पहाड़ी थाली का स्वाद बढ़ा देती है। इसे मडुवे की रोटी, पहाड़ी राजमे के साथ परोसा जाता है।
- मडुवे की रोटी – मडुआ एक पहाड़ी फसल है। यह भूरे और काले रंग का होता है। जो पहाड़ी खाने का हिस्सा है।
- पहाड़ी मोमोज- पहाड़ी मोमोज में सब्जियों के साथ पहाड़ी मसलों का उपयोग किया जाता है। ये सभी मसाले उत्तराखंड से लाए जाते हैं।
- पहाड़ी थाली- उत्तराखंड की पहाड़ी थाली में 10 तरह के आइटम होते हैं। इसमें मडुवे की रोटी, गहत की दाल, पहाड़ी राजमा, रायता, रेड राइस, आलू के गुटके, हरी चटनी, बंगजीर की चटनी और पहाड़ी झंगोरे की खीर शामिल होती है।
अभिव्यक्ति गरबा के जायके में अमृतसरी छोले कुलचे भी शामिल रहे। छोले कुलचे के साथ मूली और तीन तरह के प्याज की चटनी परोसी गई। इसका सभी सामान अमृतसर से लाया गया है।
ये भी पढ़ें
दैनिक भास्कर अभिव्यक्ति गरबा का तीसरा दिन:पति लहंगा पहनकर पहुंचा, पत्नी ने पहनी पुरुषों की पोशाक, ढोल-नगाड़ों की धुन पर खूब थिरके
जयपुर में दैनिक भास्कर अभिव्यक्ति गरबा महोत्सव के तीसरे दिन की शुरुआत महाआरती के साथ हुई। लाइव बैंड और ढोल-नगाड़ों की धुन पर मां अंबे की आरती में महिला-पुरुष ताल से ताल मिलाकर थिरके। मानसरोवर स्थित राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के मैदान पर शनिवार को भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। (पूरी खबर पढ़ें)
फोटोज में देखिए जयपुर अभिव्यक्ति गरबा का धमाल:बॉडी पर टैटू बनाकर पहुंचे लोग, पूरी मस्ती में नाचते-गाते दिखे
तीसरे दिन भी अभिव्यक्ति गरबा महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। कपल्स अलग-अलग थीम पर कपड़े पहनकर पहुंचे। इस दौरान गरबा ग्राउंड पर सेल्फी का भी क्रेज दिखा। लोग ग्राउंड पर ही रिल्स बनाते दिखे। 180 फीट के सर्किल में महाआरती के साथ गरबा शुरू हुआ। मां अंबे की आराधना हुई। (पूरी खबर पढ़ें)
वीडियोज में देखिए दैनिक भास्कर अभिव्यक्ति गरबा:गुजराती-पंजाबी गानों की धुनों पर नाचे जयपुराइट्स, यूनिक ड्रेसेज से बटोरी चर्चा
राजस्थान के सबसे बड़े अभिव्यक्ति गरबा महोत्सव के तीसरे दिन लोगों ने जमकर डांडिया रास किया। जयपुर के मानसरोवर स्थित हाउसिंग बोर्ड ग्राउंड में शनिवार को भी लोग देशभर के कल्चर में सजकर पहुंचे। गरबा में लोग यूनिक ड्रेसेज के साथ फ्यूजन ड्रेसेज पहनकर पहुंचे। इस दौरान एक कपल का अलग अंदाज देखने को मिला। पत्नी ने पुरुषों की पोशाक पहन रखी थी तो पति ने लहंगा पहन रखा था। (पूरी खबर पढ़ें)