Frozen Food : आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में फ्रोजन और पैकेज्ड फूड का चलन तेजी से बढ़ रहा है. लोग व्यस्तता के चलते घर का बना ताजा भोजन कम करके बाजार से तैयार फ्रोजन फूड खरीदने लगे हैं. फ्रोजन फूड की मांग बढ़ने से बाजार में इनकी उपलब्धता भी काफी अधिक हो गई है. रोटी से लेकर सब्जी और चिकन तक फ्रोजन फूड के तौर पर पाए जाने लगे हैं. फ्रोजन फूड में हाइड्रोजेनेटेड पाम ऑयल का उपयोग होता है. जिसमें हानिकारक ट्रांस फैट होते हैं. इसके अलावा इन फूड्स में सोडियम की मात्रा भी बहुत अधिक पाई जाती है. जो हमारे शरीर को खोखला बना देती है. यह शरीर को कम जोर बना देता है. आइए जानते हैं कि इससे किन खतरनाक बीमारियों का आप शिकरा हो सकते हैं.
कैंसर का खतरा
शोधों से पता चला है कि लम्बे समय तक फ्रोजन फूड खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. फ्रोजन मीट का रोज खाने से पेट के कैंसर यानि पैनक्रिएटिक कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. फ्रोजन फ़ूड खाने से शरीर में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है जो कैंसर का कारण बनती है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण कम होते हैं.
डायबिटीज
फ्रोजन फूड के स्वाद और ताजगी को बरकरार रखने के लिए इनमें स्टार्च की मात्रा अधिक होती है. जब हम फ्रोजन फूड खाते हैं तो शरीर में इस स्टार्च को ग्लूकोज में बदल दिया जाता है.इस ग्लूकोज की अधिकता से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है जिससे डायबिटीज जैसी बीमारी होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है.
ह्दय रोगों का खतरा
फ्रोजन फूड में ट्रांस फैट की मात्रा ज्यादा होती है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देती है. ट्रांस फैट से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है और गुड कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है. बढ़ा हुआ बैड कोलेस्ट्रॉल हृदय रोगों का कारण बनता है. धमनियों में जमाव होने लगता है और दिल के दौरे पड़ने का खतरा रहता है.
वजन बढ़ता है
फ्रोजन फूड में कैलोरी और वसा अधिक होती है, जिससे वजन बढ़ता है. फ्रोजन फूड खाने के बाद जल्द भूख लगती है, इससे अधिक कैलोरी खाई जाती है. जिससे मोटापा और वजन तेजी से बढ़ता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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