अंबेडकरनगर। जिले में 200 से अधिक तालाब सूखे पड़े हुए हैं। इससे भीषण गर्मी में सबसे अधिक समस्या मवेशियों को हो रही है। प्यास बुझाने के लिए उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। कहीं तालाब को वॉलीबाॅल का कोर्ट बना दिया गया तो कहीं क्रिकेट की पिच बना दी गई है। इससे जल संरक्षण की योजना भी जिले में फेल साबित हो रही है।
भीषण गर्मी के बीच जब तालाबों व पोखरों में पानी की जरूरत है तो ऐसे समय में ताल तलैया पूरी तरह से सूखे पड़े हैं। सैकड़ों तालाबों में धूल उड़ रही है। इससे एक तरफ जहां जल संरक्षण योजना फेल साबित हो रही है तो वहीं मवेशियों के सामने प्यास बुझाने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
मवेशियों को नहलाने व उनकी प्यास बुझाने के लिए पशुपालकों को विशेष व्यवस्था करनी पड़ रही है। सामान्य तालाबों की बात तो दूर अमृत सरोवर तक सूखे पड़े हैं।
तालाब को बना दिया वॉलीबाॅल कोर्ट
नगर पंचायत जहांगीगरंज के जगदीशपुर में लगभग एक दशक पहले तालाब बनाया गया था। पांच वर्ष पहले सुंदरीकरण भी हुआ था। देखरेख के अभाव में तालाब धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोने लगा। वह चारों तरफ जंगली झाड़झंखाड़ से घिर गया है। तालाब में पानी न होने से लगभग डेढ़ माह पहले से स्थानीय युवाओं ने उसे वॉलीवाॅल कोर्ट बना दिया है। मौजूदा समय में इसे खेल मैदान बना दिया गया है। स्थानीय संग्राम, सुरेश कुमार व संगमलाल ने कहा कि तालाब में पानी न होने से सबसे अधिक मुश्किल मवेशियों को हो रही है। पशुपालकों को उन्हें नहलाने व पेयजल के लिए अलग से व्यवस्था करनी पड़ रही है।
तालाब सूखा, पानी को तरस रहे पशु-पक्षी
तहसील क्षेत्र आलापुर के सिंहपुर स्थित तालाब लंबे समय से सूखा पड़ा है, इसमें धूल उड़ रही है व जंगली घास उग आई है। देखरेख के अभाव में तालाब का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। इसका प्रयोग ग्रामीण बकरी चराने में कर रहे हैं। स्थानीय मंशाराम व गुरुचरन ने कहा कि तालाब में पानी न होने से मवेशियों को समस्या हो रही है। मवेशियों को प्यास बुझाने में भी मुश्किल हो रही है। जिम्मेदारों से शिकायत के बाद भी स्थिति जस की तस है।
27 लाख ने तैयार अमृत सरोवर भी सूखा पड़ा
तहसील क्षेत्र अकबरपुर के बरधाभिउरा गांव में एक वर्ष पहले 27 लाख 40 हजार रुपये की लागत से अमृत सरोवर का निर्माण हुआ है। इस एक वर्ष के अंतराल में सिर्फ एक बार पानी भरा गया लेकिन इसके बाद कोई सुध नहीं ली गई। गर्मी में तालाब में पानी न होने से पशु-पक्षियाें के लिए मुश्किल हो रही है। गांव के प्रदीप कुमार व पंकज ने कहा कि देखभाल के अभाव में अमृत सरोवर लगभग निष्प्रयोज्य हो गया है। चारों तरफ गंदगी का अंबार लग गया है।
पानी भरने के हैं निर्देश
सभी ग्राम प्रधानों व सचिवों को वित्तीय नियमों का पालन करते हुए तालाबों में पानी भरने का निर्देश दिया गया है। इसका पालन कराया जा रहा है। – अवनीश श्रीवास्तव, डीपीआरओ