नई दिल्ली: दो ऑटो, मगर नंबर प्लेट सेम। साइड में लिखा एड्रेस भी सेम। उसमें लिखा हुआ मोबाइल नंबर भी वही। देखकर यह भी नहीं पता चल सकता कि असली रजिस्ट्रेशन किसका है। रविवार को पहली बार दोनों ही ऑटो का नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की पार्किंग में आमना सामना हो गया। अब इसे इत्तेफाक कहें या उस चोर की सबसे बड़ी भूल कि वो भी किसी सवारी को छोड़ने पहुंच गया। दोनों ऑटो के बीच में खड़े तीन ऑटो। बस इतनी दूरी का फासला था। वहां पर पीसीआर गाड़ी में तैनात एएसआई अमर सिंह और हेड कॉन्स्टेबल मनोज की नजर पड़ी तो एक बार को वह भी उलझन में पड़ गए। असली नकली का फर्क करना था। पुलिसकर्मियों ने पार्किंग ऑटो स्टैंड पर ऑटो के नंबर बोलकर उनके ड्राइवर को पास आने को कहा। असली रजिस्ट्रेशन वाला ऑटो ड्राइवर फौरन आ गया। जब कि नकली रजिस्ट्रेशन का ड्राइवर लापता। काफी देर तक ऑटो वहीं खड़ा रहा।
हजारों के चालान भरते-भरते आजिज आ गया था…
छानबीन में फिर जो कहानी खुली वो और भी रोचक थी। मालूम चला कि असली रजिस्ट्रेशन ऑटो वाला ड्राइवर काफी समय से इस बात से परेशान और हैरान था कि तमाम ट्रैफिक चालान उसके घर के पते पर पहुंच रहे थे। ऐसी जगहों के भी चालान पहुंचे, जहां का रूट उसने लिया भी नहीं। अभी तक हजारों रुपये वो चालान में भर चुका था। उन्होंने पुलिसकर्मियों को बताया कि इस बाबत रणहौला थाने में कंप्लेंट करके पुलिस को भी अलर्ट किया था कि उसके नाम-नंबर पर कोई दूसरा ऑटो भी दिल्ली में चल रहा है।
अंदेशा भी जताया कि उस ऑटो से कोई क्राइम या संदिग्ध गतिविधि होती है तो वह फंस सकता है। रविवार दोपहर को दूसरे ऑटो को जब्त किए जाने से असली मालिक ने राहत की सांस ली। नई दिल्ली रेलवे थाने की पुलिस ने उस ऑटो को जब्त कर लिया। वह कुछ साल पहले चोरी हुआ था। रोहिणी में ई-एफआईआर दर्ज है।