क्रिकेट, जिसे अक्सर जेंटलमेन का गेम कहा जाता है, को कई विवादों और मैच फिक्सिंग की घटनाओं का सामना करना पड़ा है जिसने इसकी प्रतिष्ठा को धूल में मिलाया है। जहां कुछ खिलाड़ी ICC द्वारा लगाए गए बैन के बाद वापसी करने में कामयाब रहे, वहीं अन्य को करियर खत्म करने वाले परिणामों का सामना करना पड़ा।
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आईसीसी के कड़े फिक्सिंग विरोधी उपायों के बावजूद मैच फिक्सिंग की घटनाएं सामने आती रहती हैं। यहां देखिए क्रिकेट इतिहास की तीन मैच फिक्सिंग की घटनाएं जिन्होंने फैंस को चौंका दिया:
1. The Hansie Cronje Episode (2000): भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय सीरीज के दौरान इस मैच फिक्सिंग कांड ने क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया था। भारतीय पुलिस ने खुलासा किया कि कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन और हैंसी क्रोन्ये सहित पांच खिलाड़ी इसमें शामिल थे।
दक्षिण अफ़्रीकी खिलाड़ी हैंसी क्रोन्ये, निकिल बोज़े और हर्शल गिब्स को भारतीय खिलाड़ियों अजय जड़ेजा और मनोज प्रभाकर के साथ फंसाया गया था। अज़हरुद्दीन ने अपना नाम साफ़ करने के लिए 11 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिर में सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट प्राप्त की।
2 . IPL Spot-Fixing (2013):: 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दौरान स्पॉट फिक्सिंग सामने आई, जिसमें राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ी – श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला शामिल थे। मुंबई पुलिस ने विंदू दारा सिंह और गुरुनाथ मयप्पन को सट्टेबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया।
श्रीसंत और चव्हाण ने कथित तौर पर स्पॉट फिक्सिंग की बात कबूल कर ली है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने श्रीसंत और चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया, जिसे बाद में श्रीसंत के लिए बैन घटाकर सात साल कर दिया गया। वह अब वापस से क्रिकेट में लौट आए हैं।
3 . Spot-Fixing Scandal in England (2010): पाकिस्तान का 2010 का इंग्लैंड दौरा फिक्सिंग स्कैंडल के कारण खराब हो गया था। युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ और बल्लेबाज सलमान बट को फंसाया गया।
एक स्टिंग ऑपरेशन से पता चला कि एक सट्टेबाज मजहर मजीद ने भविष्यवाणी की थी कि नो-बॉल कब फेंकी जाएगी। जांच के बाद आईसीसी ने तीनों खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया. सलमान बट पर 10 साल का प्रतिबंध, मोहम्मद आसिफ पर 7 साल का प्रतिबंध और मोहम्मद आमिर पर 5 साल का प्रतिबंध लगा।
आमिर ने 2015 में इंटरेनशनल क्रिकेट में सफल वापसी की और अब वह पाकिस्तान टीम का अभिन्न हिस्सा हैं।
ये घटनाएं क्रिकेट में मैच फिक्सिंग के खिलाफ कड़ी निगरानी की आवश्यकता और इस प्रिय खेल की अखंडता को बनाए रखने के महत्व की याद दिलाती हैं।