– फ्लिपकार्ट कंपनी के नाम से व्हाट्सएप पर जालसान ने भेजा था मैसेज, आईडी कार्ड भेजकर खुद को बताया कंपनी का वर्कर
– एसपी के आदेश पर दर्ज हुआ केस, पडरौना नगर का रहने वाला है युवक
संवाद न्यूज एजेंसी
पडरौना। फ्लिपकार्ट कंपनी के लकी ड्राॅ में कार जीतने का मैसेज देखकर जालसाज के झांसे में आया युवक ठगी का शिकार हो गया। 80 हजार रुपये देने के बाद कार या कार की कीमत के एवज में दो लाख रुपये एक बार में अकाउंट में भेजने की डिमांड पर ठगी का एहसास हुआ। पीड़ित ने एसपी को प्रार्थना पत्र सौंपकर अपने साथ हुई ठगी की जानकारी देते हुए कार्रवाई की मांग की। एसपी के आदेश पर पडरौना कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
पडरौना नगर के रामकोला रोड स्थित आवास विकास काॅलोनी निवासी रमेश पासवान उर्फ प्रशांत प्रियदर्शी ने बताया है कि उनके व्हाट्सएप पर 2 अक्तूबर को फ्लिपकार्ट का लिंक आया। क्लिक करने पर कंपनी की ओर से कराए गए लकी ड्राॅ में स्विफ्ट डिजायर कार जीतने की बात लिखी गई थी। रमेश ने इस पर ध्यान नहीं दिया। दूसरे दिन फोन आया और फोन करने वाले खुद को फ्लिपकार्ट का वर्कर बताया। इसे लेकर रमेश और फोन करने वाले जालसाज के बीच काफी तर्क हुआ। जालसाज ने फ्लिपकार्ट कंपनी का आईडी कार्ड रमेश को व्हाट्सएप पर भेजा। इसके बाद रमेश जालसाज के झांसे में आ गए। जालसाज बोला कि कार चाहिए या इसकी कीमत 7.80 लाख रुपये नकद चाहिए। रमेश ने नकद रुपये की मांग की। कार की कीमत लेने की चाहत में फोन पे से पांच बार में रमेश ने जालसाज के यूपीआई नंबर पर 80 हजार रुपये भेज दिया। इसके बाद जालसाज बोला कि दो लाख रुपये और भेजना पड़ेगा। तभी आपके बैंक अकाउंट में रकम जाएगी। इसके बाद रमेश को कुछ संदेह हुआ और वह एक अधिवक्ता से संपर्क किए। जांच के बाद पता चला कि फर्जी फ्लिपकार्ट का मैसेज आया था। इसकी जानकारी होने के बाद रमेश ने कई बार जालसाज के मोबाइल नंबर पर फोन किया, लेकिन उसका फोन रिसीव नहीं हो रहा है। पीड़ित ने एसपी धवल जायसवाल से शिकायत की। एसपी के आदेश पर साइबर सेल ने मामले की जांच की तो ठगी का मामला सही पाया है। पडरौना के कोतवाल राजप्रकाश सिंह ने बताया कि आईटी एक्ट का केस दर्ज कर लिया गया है। जांच-पड़ताल की जा रही है।
अनजान को छोड़िए, जानकार भी हो रहे ठगी के शिकार
साइबर अपराध से अनजान लोगों की बात छोड़िए, जानकार और पढ़े लिखे लोग भी ठगी के शिकार हो रहे हैं। इसकी वजह चंद रुपये का लालच और नामी गिरामी कंपनियों की आसानी से एजेंसी पाने का चक्कर बताया जा रहा है। त्योहारी सीजन में जालसाज कई लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं, लेकिन सिर्फ पुलिस की कार्रवाई तक मामला सिमटकर रह गया है।पडरौना नगर के भरवलिया गांव के निवासी अभय तिवारी ऑनलाइन ओला इलेक्टि्रक स्कूटी की एजेंसी के लिए आवेदन किए थे। 21 लाख रुपये देने के बाद जब एनओसी के लिए दबाव बनाया तो जालसाज उनसे और रुपये की मांग करने लगे। जांच की तो मालूम हुआ कि ओला इलेक्टि्रक स्कूटी की यह वेबसाइट फर्जी है। कोतवाली पुलिस तीन जालसाजों पर केस दर्ज कर छानबीन कर रही है।
इसके अलावा दो दिन पूर्व तुर्कपट्टी थाने में तैनात महिला सिपाही ज्योति झा से एक लाख पांच हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी हो गई। जालसाजों पर सिपाही ने बुधवार को केस दर्ज कराया है। इसके पूर्व भी कुशीनगर नगर जिले में ठगी की घटनाएं हो चुकी हैं। पुलिस की ओर से कई घटनाओं का पर्दाफाश भी किया जा चुका है। इसके अलावा पुलिस प्रशासन की ओर से लोगों को ऑनलाइन ठगी से बचाव के लिए जागरूक भी किया जाता है, फिर भी जालसाजों के पैतरे भारी पड़ रहे हैं। इन दिनों एक माह के अंदर हुई ठगी की घटनाएं त्योहारी सीजन में ऑनलाइन नामी गिरामी कंपनियों का व्हाट्सएप या टेक्स्ट मैसेज में लिंक भेजकर की गई है।