धर्मशाला बाजार मछली मंडी के पास ऑटो रिक्शा स्टैंड।
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निजी बसों को गोरखपुर शहर के बाहर से संचालित तो कर दिया गया, लेकिन आधी-अधूरी तैयारी के चलते जाम का यह इंतजाम यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। अब तक न तो स्टैंड ही शुरू हो पाया और न ही ऑटो का किराया ही तय हो पाया।
इसे लेकर प्राइवेट बस के परिचालक और यात्रियों के बीच रोजाना ही झिकझिक होती है। वहीं, यात्रियों को ऑटो का महंगा किराया देकर शहर से आना-जाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं धूप या बारिश में खुले आसमान के नीचे ही बस का इंतजार मजबूरी हो गई है।
एडीजी अखिल कुमार और कमिश्नर अनिल ढींगरा ने जाम से निपटने के लिए पहल की तो इसका फायदा भी सामने आया है। प्राइवेट बसों की वजह से लगने वाला जाम अब खत्म हो गया है। लेकिन, सुविधाएं शुरू न होने से यात्रियों की परेशानी बढ़ गई हैं।
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यात्रियों की परेशानी का ऐसा ही नजारा शुक्रवार की दोपहर एक बजे जेल बाईपास पर दिखा। यहां कुशीनगर की ओर जाने वाली बसों का स्टैंड है। कुशीनगर से आई बस से कुछ यात्री उतरे। सभी में शहर से दूर स्टैंड बनाने पर नाराजगी तो थी ही बैठने और शौचालय जैसी सुविधाएं नहीं हाेने पर भी गुस्सा दिखा।