Iपरिवहन विभाग और पुलिस की अनदेखी, ओवरलोडिंग से सड़क दुर्घटनाओं का खतराI
शहर और आसपास के क्षेत्रों में ई-रिक्शा, ऑटो, सीएनजी ऑटो, विक्रम, ट्रक, ट्रैक्टर और डंपरों में खुलेआम ओवरलोडिंग हो रही है। परिवहन विभाग की ओर से संयुक्त रूप से कार्रवाई न करने ओवरलोडिंग के चलते हादसे बढ़ रहे हैं।
शहर की आंतरिक सड़कों पर देहरादून रोड तिराहा से तपोवन तिराहा तक, रानीपोखरी से नटराज चौक तक ओवरलोडिंग के खिलाफ अभियान नहीं चलाया जाता। सीएनजी ऑटो थ्री प्लस वन सीट, कुल चार सीट में पास हैं। इसमें अतिरिक्त सीट लगाकर ड्राइवर सहित सात से आठ सवारियां बैठाई जाती हैं। वहीं विक्रम भी छह प्लस एक (ड्राइवर) कुल सात सीट में पास है। इसमें ड्राइवर सहित नौ से दस सवारियां बैठाई जाती हैं। वहीं ई-रिक्शा चालक भी ड्राइवर सहित सात सवारी बिठा देते हैं। ट्रकों और ट्रैक्टरों में भी ओवरलोड माला ढोया जा रहा है। डंपरों की बॉडी एक से डेढ़ फीट तक बढ़ाई गई है। लेकिन परिवहन विभाग की ओर से ठोस कार्रवाई न किए जाने से खुलेआम ओवरलोडिंग जारी है।
Iडोईवाला और पर्वतीय रूटों पर ओवरलोडिंगI
ऋषिकेश से रानीपोखरी रूट पर विक्रमों को खुलेआम ओवरलोडिंग होती है। इस रूट पर सात सीट में पास विक्रम में 11 से 12 सवारियां बैठाई जाती हैं। नटराज चौक से 10 सवारी भरने के बाद ही विक्रम आगे बढ़ता है। विभागीय कार्रवाई न होने इस रूट पर खुलेआम ओवरलोडिंग हो रही है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों एआरटीओ टिहरी गढ़वाल और एआरटीओ कोटद्वार की ओर से ओवरलोडिंग के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने से नौ सीट में पास मैक्स, बोलेरो में 15 से 16 सवारियां ढोई जा रही हैं।
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Iओवरलोडिंग के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। मंगलवार को ओवरलोडिंग में पांच वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई। अन्य रूटों पर भी ओवरलोडिंग के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – मोहित कोठारी, एआरटीओ (प्रवर्तन)I