Ghaziabad News: स्क्रैप सेंटर पर 25 तो बाहर 40 हजार में बिक रही मियाद खत्म हुई कार


गाजियाबाद। मोरटा में सरकार द्वारा स्वीकृत सरल ऑटो स्क्रैपिंग सेंटर पर पुरानी कार 25 हजार में बिक रही है। जबकि बाहर कबाड़ी उसको 40 हजार से भी ज्यादा कीमत में खरीदने को तैयार हैं। यही वजह कि सेंटर के अप्रैल में शुरू होने के बावजूद अभी तक यहां मियाद खत्म हुए केवल 350 वाहनों को ही स्क्रैप कराया गया है। इसमें 200 वाहन सरकारी विभागों के हैं। शेष 150 वाहनों में भी बाइकों की संख्या 100 से ज्यादा है। जबकि, हाल ही में एआरटीओ कार्यालय ने 10 व 15 साल पुराने 1.52 लाख वाहनों का पंजीकरण रद्द किया है।

आने वाले मार्च तक 90 हजार से ज्यादा वाहनों का पंजीकरण मियाद खत्म होने की वजह से रद्द करने की परिवहन विभाग की तैयारी है। राजनगर एक्सटेंशन निवासी राहुल शर्मा की पेट्रोल चलित कार की मियाद इसी माह खत्म हो रही है। उन्होंने बताया कि उनकी कार बाहर 40 से 45 में बिक रही है, उसी कार के स्क्रैप सेंटर पर 22 हजार कीमत मिल रही है। बाइक को बेचने के लिए स्क्रैप सेंटर पर संपर्क करने पहुंचे मोदीनगर के बिसोखर के मनीष चौधरी ने बताया कि उनकी बाइक सही चल रही है, लेकिन उसके 15 साल पूरे हो चुके हैं। स्क्रैप सेंटर पर उनको तीन हजार रुपये मिल रहे हैं जबकि, बाहर उसकी कीमत 8-10 हजार मिल रही है। मोरटा स्थित स्क्रैप सेंटर के संचालक सर्फूददीन उर्फ सैफ ने बताया कि अभी 350 वाहनों को ही स्क्रैप कराया गया है। स्क्रैप सेंटर के संचालक ने बताया कि वह वाहन को 22-25 रुपये किलो के हिसाब से खरीदते हैं। इसके बाद उस वाहन से लोहा, प्लास्टिक, शीशा, कॉपर, टायर, रिम आदि पुर्जे व अन्य सामान अलग अलग करके कंपनियों को बेचा जाता है।

मिलता है प्रमाणपत्र

एआरटीओ ने बताया कि वाहन स्वामियों को अपना वाहन स्वीकृत स्क्रैप सेंटर पर ही बेचना चाहिए। इसका एक प्रमाणपत्र भी मिलता है। जिसका नया वाहन खरीदने पर टैक्स में कुछ प्रतिशत छूट भी मिलती है। आने वाले समय में भी उस प्रमाणपत्र के कई लाभ होने वाले हैं। बाहर बेचे गए वाहन का कोई रिकॉर्ड नहीं रहता। जिससे वाहन स्वामी को बाद में काफी परेशानी भी हो सकती है।

सरकारी विभागों में संचालित हैं पांच हजार से ज्यादा वाहन

नगर निगम, पुलिस-प्रशासन, वन, स्वास्थ्य, परिवहन समेत तमाम विभागों में पांच हजार से ज्यादा वाहन पंजीकरण रद्द होने के बाद भी संचालित हो रहे हैं। इसको लेकर डीएम की अध्यक्षता में 30 अक्तूबर को बैठक भी हो चुकी है। इसमें विभागीय अधिकारियों को वाहनों की सूची उपलब्ध कराने के साथ ही मियाद खत्म हुए वाहनों को स्वीकृत स्क्रैप सेंटर पर स्क्रैप कराने के आदेश दिए गए थे। एआरटीओ कार्यालय से भी इन वाहनों की सूची मांगी गई है। हालांकि, विभागीय अधिकारियों ने अभी तक अपने यहां संचालित वाहनाें की सूची एआरटीओ कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराई है।

और स्क्रैप सेंटर खोले जाएंगे

एआरटीओ प्रशासन राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में अभी केवल एक स्क्रैप सेंटर है। दो से तीन स्क्रैप सेंटर और खोले जाने की विभाग की योजना है। इसके लिए आवेदन भी मांगे गए हैं। मानक पूरे करने वाली फर्म को स्क्रैप सेंटर संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।


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