Chandigarh News: कार की खराब एलाइमेंट से हुए हादसे, आयोग ने हुंइई कंपनी पर लगाया 75 हजार रुपये का हर्जाना




चंडीगढ़। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने नई कार में खराबी ठीक न करने पर हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड और औद्योगिक क्षेत्र फेज-2 स्थित कंपनी के डीलर पर 75 हजार रुपये हर्जाना लगाया है। आयोग ने कंपनी को केस खर्च के तौर पर उपभोक्ता को 7500 रुपये देने के निर्देश दिए हैं। दायर याचिका के मुताबिक पंजाब के मुक्तसर साहिब के रहने वाले पलविंदर सिंह ने नवंबर 2019 में औद्योगिक क्षेत्र फेज-2 स्थित कंपनी से नई एक्सेंट गाड़ी खरीदी थी लेकिन गाड़ी की एलाइनमेंट ठीक न होने की वजह से कार हादसे का शिकार हो गई। वहीं शिकायतकर्ता ने कई बार कंपनी के डीलर से गाड़ी की एलाइनमेंट ठीक करने का अनुरोध किया, लेकिन समस्या ठीक नहीं हुई। इस पर पलविंदर सिंह ने कंपनी और डीलर के खिलाफ आयोग को शिकायत दी।

आजीविका चलाने के लिए खरीदी थी नई कार

शिकायतकर्ता ने आयोग को बताया कि उसने आजीविका कमाने के लिए नवंबर 2019 में कार खरीदी थी। वह गाड़ी को कॉमर्शियल टैक्सी के तौर पर चला रहा था। नई गाड़ी की डिलीवरी के दिन शिकायतकर्ता ने देखा कि कार बाईं ओर झुक रही थी और इसकी एलाइनमेंट ठीक नहीं थी। वहीं, इंजन की लाइट भी चमक रही थी। शिकायतकर्ता ने डीलरशिप को इस बारे में बताया। इसके बाद कार कंपनी के कर्मियों ने साॅफ्टवेयर को रिफ्रेश कर इंजन की लाइट तो ठीक कर दी, लेकिन एलाइनमेंट की समस्या को ठीक नहीं किया जा सका। गाड़ी की पहली सर्विस के दौरान शिकायतकर्ता ने समस्या का मुद्दा उठाया, बावजूद इसे ठीक नहीं किया गया।

एलाइमेंट ठीक न होने की वजह से कई बार गाड़ी हुई दुर्घटनाग्रस्त

31 दिसंबर 2019 को कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। शिकायतकर्ता ने डीलर के समक्ष मामला उठाया कि कार कि एलाइनमेंट ठीक न होने की वजह से बाईं तरफ जाती है और इस कारण कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई लेकिन सर्विस अटेंडेंट ने बताया कि एलाइनमेंट ठीक है। इसके बाद 20 जनवरी 2020 को और उसके बाद 11 मार्च 2020 को कार की सर्विसिंग कराते समय एलाइनमेंट का मुद्दा फिर डीलर के समक्ष उठाया गया, लेकिन कंपनी की ओर से कुछ नहीं किया गया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कंपनी की लापरवाही से 9 सितंबर 2020 और 31 अगस्त 2020 को कार हादसे का शिकार हुई। 18 अक्तूबर 2020 को कंपनी ने मरम्मत के लिए कार को अपने कब्जे में लिया, लेकिन समस्या को ठीक फिर भी नहीं किया जा सका, बल्कि उन्होंने कार को मोहाली में अन्य डीलरशिप पर भेज दिया। इससे परेशान होकर पलविंदर सिंह ने कंपनी और डीलरशिप के खिलाफ आयोग को शिकायत दी।


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