चंडीगढ़। नई ऑडी कार के पंजीकरण के दौरान कार मालिक से ज्यादा रकम वसूलने पर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने रजिस्ट्रिंग लाइसेंसिंग अथॉरिटी (आरएलए) चंडीगढ़ पर सात हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। साथ ही आयोग ने कार मालिक से वसूली गई 94240 रुपये की अतिरिक्त राशि को 9 प्रतिशत की ब्याज दर से लौटाने और केस खर्च के तौर पर 7 हजार रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। चंडीगढ़ अनाज मंडी निवासी पुनीत बंसल ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में आरएलए के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उन्होंने गुरुग्राम से 30 दिसंबर 2019 को एक ऑडी कार खरीदी थी। कार का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) कराने के लिए उन्होंने आरएलए में आवश्यक सभी दस्तावेज आवेदन के साथ जमा कराए थे। पंजीकरण शुल्क के तौर पर आरएलए ने उनसे चार लाख 28 हजार 934 रुपये की राशि जमा कराने को कहा।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि खरीदी गई कार की कुल कीमत 53 लाख 32 हजार 667 रुपये थी, जिस पर उन्हें 11 लाख 78 हजार रुपये का डिस्काउंट मिला था। कार की मूल कीमत से डिस्काउंट राशि काटने के बाद उन्होंने कार की नई कीमत 41 लाख 54 हजार 667 रुपये का भुगतान करते हुए कार खरीदी थी। इसके बावजूद आरएलए ने कार की कुल कीमत से डिस्काउंट राशि काटे बगैर 53 लाख 32 हजार 667 रुपये के हिसाब से पंजीकरण शुल्क वसूला।
आरोप के मुताबिक, आरएलए ने गाड़ी के पंजीकरण के लिए उनसे 94,240 रुपये अतिरिक्त वसूले थे। शिकायतकर्ता ने मामले को लेकर आरएलए से संपर्क किया और उनसे वसूली गई अतिरिक्त राशि वापस करने की मांग की लेकिन आरएलए ने उनकी शिकायत को अनसुना कर दिया। शिकायतकर्ता ने आरएलए को कानूनी नोटिस भी भेजा फिर भी कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद उन्होंने उपभोक्ता आयोग को मामले की शिकायत दी।