अपना स्वरूप खोता जा रहा अनूपशहर का लक्खी कार्तिक-पूर्णिमा मेला: कई सालों से मनोरंजन के साधनों का अभाव, लोग साल भर करते मेले का इंजतार


अनूपशहरएक घंटा पहले

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अनूपशहर में गंगा तट पर लगने वाला लक्खी कार्तिक पूर्णिमा गंगास्नान अब अपना परम्परागत भव्य स्वरूप खोता जा रहा है। पहले अनूपशहर सहित आसपास के क्षेत्र के लोग सालभर कार्तिक मेला का इंतजार करते थे। क्योंकि ऐसे बहुत से सामान होते थे जो बाजार में नहीं केवल कार्तिक मेला में ही मिलते थे।

विशाल गंगा की रेती व गंगा का किलोमीटर से अलग फैलाव, बड़े बड़े


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