गाजियाबाद। बिना मरम्मत भुगतान लेने और गाड़ी वापस करने पर उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग न्यायालय ने मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में एजेंसी के प्रबंधक को 10 हजार रुपये भुगतान का आदेश दिया है। न्यायाधीश प्रवीण कुमार जैन व महिला सदस्य शैलजा सचान ने मरम्मत के लिए काटी गई एडवांस धनराशि 2951 रुपये भी वापस करने का आदेश दिए हैं।
वैभव खंड इंदिरापुरम निवासी प्रशांत रंजन ने दो अगस्त 2018 को स्कोडा फेबिया कार मरम्मत के लिए महिंद्रा फस्ट चॉइस भंडारी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड साहिबाबाद को दी थी। गाड़ी देते समय मरम्मत के लिए सात से 15 दिन का समय लिया गया था। एडवांस के रूप में 12175 रुपये का भुगतान भी लिया था। आरोप है कि एक महीने बाद भी गाड़ी की कमी दूर नहीं की गई। तय समय 40 दिन बाद प्रभात रंजन को गाड़ी बिना मरम्मत के वापस कर दी और एडवांस भुगतान 12175 रुपये में से 2951 काट लिया। प्रभात रंजन ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में पांच अक्तूबर 2018 को महिंद्रा फस्ट चाॅइस इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ वाद दायर किया। सुनवाई के बाद अदालत ने महेंद्र फस्ट चाॅइस भंडारी इंडस्ट्रिीज के प्रबंधक पवन त्यागी को आदेश दिया कि काटी गई धनराशि 2951 रुपये वाहन स्वामी को वापस किया जाए।
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