अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ
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अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ सेहत के लिए नुकसानदायक होने के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसकी 7 ट्रिलियन डॉलर (7 लाख करोड़ रुपये) से अधिक की भागीदारी है। इसके लगातार सेवन से मोटापा, कैंसर, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियां का जोखिम बढ़ रहा है। द स्टेट ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर के 2023 संस्करण की ताजी रिपोर्ट में इसके शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बढ़ते चलन पर चिंता जताई गई है।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के विश्लेषण के अनुसार कुल मिलाकर हमारी वर्तमान कृषि खाद्य प्रणालियां प्रति वर्ष कम से कम 10 ट्रिलियन डालर के बराबर छिपी हुई लागत लगाती हैं। यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 10 प्रतिशत है। यदि उत्पादन लागत को समग्र कारोबार में शामिल कर लिया जाए तो यह कारोबार दुनिया के 154 देशों में फल-फूल रहा है और दुनिया की अर्थव्यवस्था में 7 ट्रिलियन डॉलर का भागीदार है।
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि यह अफ्रीका सहित दुनिया के लगभग सभी महाद्वीपों में भी तेजी से फैल रहा है। इनका उपयोग निम्न, मध्यम और उच्च आय श्रेणियां के परे जा चुका है। 316 पन्नों की व्यापक रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि 2030 में लगभग 60 करोड़ लोग लंबे समय तक अल्पपोषित रहेंगे।