स्पोर्ट्स डेस्क2 घंटे पहले
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मिचेल स्टार्क ने इस वर्ल्ड कप 8 मैचों में 10 विकेट लिए है।
ऑस्ट्रेलिया टीम के फास्ट बॉलर मिचेल स्टार्क ने वनडे क्रिकेट में दो नई बॉल के इस्तेमाल पर असहमती जताई है। स्टार्क का कहना है कि, भारत के मैदान काफी छोटे हैं, विकेट सपाट हैं, ऐसे में पुरानी बॉल से रिवर्स स्विंग मिलता है और बॉलर्स को वापसी करने में मदद मिलती हैं। वनडे क्रिकेट में एक ही बॉल का इस्तेमाल होना चाहिए।
वनडे और टी-20 क्रिकेट सिर्फ बल्लेबाजों का – स्टार्क
स्टार्क ने कहा कि, मैं अब भी सोचता हूं कि एक ही नई गेंद होनी चाहिए, दो नहीं। इससे बॉल ज्यादा समय तक सख्त रहती है। जैसा कि हमने यहां भारत में इस वर्ल्ड कप में देखा, यहां मैदान काफी छोटे हैं और विकेट सपाट हैं। अगर आप पुराने फुटेज देखें तो पता चलेगा कि, एक गेंद से गेंदबाजी पर रिवर्स स्विंग बहुत ज्यादा आती है। यह वास्तव में गेंदबाजों को गेम में वापसी दिलाता है, और मुझे लगता कि वनडे क्रिकेट और टी20 क्रिकेट भी बल्लेबाजों का ही खेल बन कर रह गया है, जिसमें गेंदबाजो को बस रन नहीं लुटाने है।
2011 में बदला नियम
वनडे क्रिकेट में पहले एक इनिंग में एक ही बॉल का इस्तेमाल किया जाता था। अक्टूबर 2011 में नियम में बदलाव किया गया और एक इनिंग्स में एक ही गेंद का इस्तेमाल होने लगा। सचिन तेंदुलकर ने जून 2018 में कहा था कि, 2 नई गेंद से रिवर्स स्विंग नहीं मिलता जो कि पहले डेथ ओवरों में तेज गेंदबाजों का सबसे बड़ा हथियार था। अक्टूबर 2010 में डेब्यू करने वाले स्टार्क ने एक बॉल से केवल दो ही वनडे मैच खेले।