आलू की गर्मागर्म टिक्की खाना भला किसे पसंद नहीं है। लेकिन इसे लेकर दिक्कत यह है कि आलू, ढेर सारा तेल और मसाले सभी मिलकर एक बढ़िया स्वाद तो देते हैं लेकिन सेहत के लिए खतरनाक कॉम्बिनेशन बन जाता है। अगर आप टिक्की खाने के दीवाने हैं और चाहते हैं कि आपकी सेहत भी न बिगड़े तो आपको आलू की नहीं बल्कि करेले की टिक्की ट्राई करनी चाहिए।
करेले की पौष्टिक करेला, प्याज, बेसन, पनीर और मसालों का परफेक्ट कॉम्बिनेशन है। करेला टिक्की एक बढ़िया और पौष्टिक ऑप्शन है, उन लोगों के लिए वजन वजन घटाना चाहते हैं या फिर डायबिटीज से पीड़ित हैं। Detoxpri की फाउंडर एंडहोलिस्टिक न्यूट्रिशनिस्ट प्रियांशी भटनागर आपको इसे बनाने और इसके फायदे बता रही हैं।
हेल्दी करेला टिक्की की सामग्री
- 2 बड़े करेले
- 1/2 कप कम वसा वाला पनीर
- कसा हुआ 1 प्याज 2 हरी मिर्च 1 इंच अदरक 4 लहसुन की कली
- 1/2 कप धनिया पत्ती 1 कप बेसन 1 चम्मच अमचूर पाउडर / चाट मसाला
- 1 चम्मच मिर्च पाउडर 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर 1 /2 चम्मच अजवायन के बीज
- स्वादानुसार नमक
- पैन में तलने के लिए तेल
हेल्दी करेला टिक्की कैसे बनाएं
- करेले को अच्छी तरह धोकर बाहरी भाग को अच्छी तरह कद्दूकस कर लीजिये।
- कद्दूकस किए हुए करेले को मिक्सर-ग्राइंडर में डालें और मोटा मिश्रण बना लें।
- इस मिश्रण में 1 छोटा चम्मच नमक मिलाएं और 30 मिनट के लिए अलग रख दें।
- प्याज, मिर्च, अदरक, लहसुन और धनिया पत्ती को बारीक काट लें
- इन्हें एक बड़े मिश्रण के कटोरे में तैयार रखें।
- बाद में, करेले के मिश्रण से पानी निचोड़ लें और करेला को कटोरे में डालें।
- पनीर के साथ-साथ ऊपर सूचीबद्ध मसाले डालें। सामग्री को मिलाएं और फिर अजवाइन और बेसन डालें।
- अच्छी तरह से मिलाएं और नमक डालें।
- मिश्रण के छोटे-छोटे टुकड़े तोड़ लें और उन्हें गोल पैटीज़/टिक्की बनाने के लिए चपटा करें
- इन्हें मध्यम आंच पर सुनहरा भूरा होने तक तलें। करेला टिक्की को हरी चटनी के साथ गरमागरम परोसें।
करेले के फायदे
करेला एक ऐसी सब्जी है जो अपने विशिष्ट कड़वे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है लेकिन फायदों से भरी है। करेला को कई तरह से डाइट में शामिल किया जा सकता है, इसका आप टिक्की बनाकर भी मजा ले सकते हैं। उससे पहले आपको करेले खाने के फायदे जान लेने चाहिए-
पोषक तत्वों से भरपूर
करेला कई आवश्यक पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है, जिसमें विटामिन सी, ए और बी-कॉम्प्लेक्स के साथ-साथ आयरन, जिंक और पोटेशियम जैसे खनिज भी शामिल हैं। करेले में आहारीय फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो नियमित मल त्याग को बढ़ावा देकर और कब्ज को रोककर पाचन स्वास्थ्य में योगदान कर सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट गुण
करेले में फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक एसिड जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो शरीर में मुक्त कणों को बेअसर करने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकते हैं।
ब्लड शुगर कंट्रोल करने में सहायक
करेले में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की ताकत होती है। इसमें ऐसे यौगिक होते हैं जिनमें हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव हो सकता है, जो संभावित रूप से डायबिटीज वाले व्यक्तियों को लाभ पहुंचा सकता है।
वजन कंट्रोल करने में सहायक
करेले में उच्च फाइबर सामग्री तृप्ति की भावना में योगदान कर सकती है, जो समग्र कैलोरी सेवन को कम करके वजन प्रबंधन में मदद कर सकती है। इतना ही नहीं, करेले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके और स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ावा देकर हृदय स्वास्थ्य में योगदान कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।