सूर्यकुमार यादव
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भारत के स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव भारतीय विश्व कप टीम का हिस्सा हैं। उन्होंने इस विश्व कप की छह पारियों में 88 रन बनाए हैं। ये आंकड़े भले ही सूर्या के कद के मुताबिक नहीं हैं, लेकिन कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा ने उनके ऊपर विश्व कप में पूरा भरोसा जताया। कहा जाता है कि सब्र का फल मीठा होता है। हालांकि, सब्र कब तक करना पड़ता है इसका कोई अंदाजा नहीं है। सूर्यकुमार यादव के साथ भी कुछ ऐसा ही हैं।
हार्दिक पांड्या के चोटिल होने के बाद टीम इंडिया को टूर्नामेंट के बीच में ही अपनी योजनाओं में बदलाव करना पड़ा। हार्दिक बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में चोटिल हुए तो न्यूजीलैंड से मैच में टीम इंडिया नए संयोजन के साथ उतरी। एक विशेषज्ञ बल्लेबाज और एक गेंदबाज को टीम में लाना पड़ा। शार्दुल ठाकुर का पत्ता कट गया और सूर्यकुमार के साथ मोहम्मद शमी टीम में आए। माना तो यह जा रहा था कि सूर्या को विश्व कप के किसी मैच में खेलने का मौका नहीं मिलेगा, लेकिन हार्दिक की चोट ने उनके रास्ते खोल दिए। सूर्या ने अपने नाम के मुताबिक भले ही कोई बड़ी पारी नहीं खेली, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 49 रन की अहम पारी खेलकर चयन को सही साबित किया।
सूर्यकुमार ये पिता इंजीनियर
सूर्यकुमार के लिए भारतीय टीम के लिए खेलने का सफर आसान नहीं रहा। उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले सूर्यकुमार के परिवार में कोई क्रिकेटर नहीं था। उनके पिता अशोक यादव इंजीनियर तो मां हाउस वाइफ हैं। सूर्या को बचपन से बैडमिंटन और क्रिकेट दोनों खेलने में मजा आता था। काफी दिनों तक दोनों खेल में हाथ आजमाने के बाद सूर्या ने बैडमिंटन को छोड़ दिया। उन्होंने क्रिकेट को चुना।
2010 में खेला पहला घरेलू मैच
सूर्यकुमार ने स्कूल में क्रिकेट खेला। उसके बाद चाचा की मदद से प्रोफेशनल ट्रेनिंग ली। कॉलेज तक यह तय हो चुका था कि सूर्यकुमार क्रिकेटर ही बनेंगे और फिर उन्होंने इसी पर अपना पूरा ध्यान लगाया। उन्होंने 2010 में घरेलू क्रिकेट में डेब्यू किया था। मुंबई के लिए उन्होंने दिल्ली के खिलाफ पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला था। उसी साल गुजरात के खिलाफ पहला लिस्ट ए मैच खेला।
आईपीएल में रन बरसाने के बाद टीम इंडिया में आए
घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाने के बावजूद भी सूर्यकुमार को भारतीय टीम में जगह नहीं मिली। 2012 में उन्होंने आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए डेब्यू किया। 2013 में उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं। 2014 में कोलकाता नाइटराइडर्स से जुड़े और फिर कुछ अच्छी पारियां खेलीं। चार साल कोलकाता के साथ रहने के बाद 2018 में फिर मुंबई इंडियंस में शामिल हुए। यहां से उनकी किस्मत बदल गई। 2018, 2019 और 2020 में लगातार रन बरसाने के बाद उन्हें 2021 में टीम इंडिया में जगह मिली और फिर सूर्या ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। घरेलू क्रिकेट में डेब्यू के 11 साल बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला। वह टी20 में नंबर एक बल्लेबाज भी बने और अब वनडे विश्व कप में उन्हें टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला।